पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे पहले मैं राष्ट्रपति बाइडन का शुक्रिया जताता हूं। आज हमने भारत और अमेरिका के इतिहास के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा की। व्यापार और निवेश की जो साझेदारी है भारत और अमेरिका के बीच, वह सिर्फ दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। हमने निर्णय लिया है कि व्यापार से जुड़े लंबित मुद्दों को समाप्त कर नई शुरुआत की जाए। आईसैट यानी इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण चर्चा के तौर पर उभरा है। हम स्पेस, एआई, टेलीकॉम और अन्य क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा रहे हैं। अमेरिका की माइक्रोन, गूगल और अन्य कंपनियों द्वारा निवेश करने का निर्णय इस फ्यूचरिस्टिक सहयोग को दर्शाता है। हम दोनों सहमत है कि हमारी कूटनीतिक तकनीकी सहयोग को सार्थक करने में सरकार, व्यापार और एकेडमिक इंस्टीट्यूट का साथ आना जरूरी है।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि हम पिछले काफी समय से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरे के साथ ही हम एक बार फिर दिखा रहे हैं कि भारत और अमेरिका कैसे साथ काम कर रहे हैं। दवाओं से लेकर स्पेस तक के मामले में हम साथ काम कर रहे हैं। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में एआई से लेकर सेमीकंडक्टर सप्लाई और टेलीकम्युनिकेशन तक हम लगातार सहयोग बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम रक्षा सहयोग को भी तेजी से बढ़ा रहे हैं, जिसके तहत भारत और अमेरिका की कंपनियां साथ आ रही हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना होकर 191 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। 2024 में हम साथ में अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने वाले हैं। हम साथ में कॉन्स्युलेट खोलने पर भी बात कर रहे हैं। हम दोनों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात हुई और कैसे रूस ने यूक्रेन पर हमले कर उसकी तबाही जारी रखी है। हमने क्वाड पर भी बात की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता को बनाए रखने पर बात हुई। हमने यू2आई2 देशों के बीच सहयोग पर भी बात की। हम चाहते हैं कि हर जगह लोग शांति और सम्मान से रहें। भारत और अमेरिका के लोग कई मूल्यों को साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच 200 बोइंग विमानों को खरीदने का भी समझौता हुआ है, जिससे एक लाख नौकरियां पैदा होंगीं।