उत्तरप्रदेश सरकार को महाकुंभ में लाखों करोड की कमाई हुई है इसमें कोई संदेह नहीं है. अब इसी कमाई को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कुंभ 26 फरवरी को विधिवत समाप्त हो गई है. जिसके बाद से विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का एक ऐसा बयान आया है जिससे राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है.

अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई कमाई को लेकर बयान दिया है और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वो पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए इस धन का कल्याणकारी सदुपयोग करें क्योंकि परंपरा कुंभ से धन कमाने की नहीं बल्कि अर्जित धन को दान करने की रही है. इसी पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए माननीय से आग्रह है कि इस अर्जित धन में से ही मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति और घायलों के उत्तम उपचार के लिए धन का प्रबंध किया जाए.

अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके और कहा कि महाकुंभ की कमाई में से कुछ पैसा जो हज़ारों लोग लापता हैं, उनको खोजने और घर पहुँचाने के लिए बचाकर रख लेना चाहिए. इस अकूत कमाई में से ही उन दुकानदारों के घाटे की पूर्ति की जाए, जिन्होंने उप्र सरकार की बदइंतज़ामी की वजह से मेले में दुकान लगाकर घाटा उठाया है. इसमें से कुछ रक़म समस्त मेलाकर्मियों को होली के बोनस के रूप में देने की घोषणा करनी चाहिए. साथ ही कहा कि माननीय को महादानी सम्राट हर्षवर्धन से प्रेरणा लेते हुए अधिकांश धन प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दान कर देना चाहिए. महाकुंभ के बाद अखिलेश की मांग कितनी जायज है ये अपने आप में विचारधीन है.

कितनी कमाई हुई है?
गौरतलब है कि प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरु हुए महाकुंभ 2025 का 26 मार्च को शिवरात्रि के दिन विधिवत समापन हो गया है. जिसमें 67 करोड से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डूबकी लगाई है. महाकुंभ 2025 से सरकार को 3 लाख करोड़ मिलने का अनुमान है. महाकुंभ से यूपी सरकार को 3 लाख करोड़ का राजस्व मिला. 7,500 करोड़ रुपये के निवेश पर हुआ 3 लाख करोड़ का व्यापार. 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने से हुआ बड़ा आर्थिक लाभ यूपी सरकार को हुआ है.
