आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश की राजनीति में मंगलवार का दिन बहुत अहम रहा. बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें गठबंधन का नाम तय हुई. दूसरी ओर दिल्ली में बीजेपी के सहयोगी दलों यानी एनडीए की बैठक हुई. इस बैठक में रिश्तों के बीच दूरियां भी कम होती दिखीं. बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की मीटिंग में एनडीए के अन्य दलों के साथ लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के चीफ पशुपति पारस शामिल हुए. बैठक के दौरान सांसद चिराग पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के पैर छुए. इस पर पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान को गले लगाते हुए उन्हें आर्शीवाद दिया. चिराग पासवान ने पीएम मोदी के भी पैर छुए. इसपर पीएम ने उन्हें गला लगाया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
चिराग पासवान ने पैरे ऐसे समय छुए हैं जब दोनों नेता हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं. चिराग पासवान ने दिल्ली में कहा कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे. इस समय पशुपति पारस यहां से लोकसभा सांसद है. चिराग पासवान पर पलटवार करते हुए पशुपति पारस ने भी इस सीट पर अपना दावा किया.
पशुपति पारस मेरे पिता समान-चिराग पासवान
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अपने चाचा के साथ सुलह की संभावना के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि पशुपति पारस उनके लिए पिता की तरह हैं, लेकिन उन्होंने फिर पारस की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे मुझे दुख हुआ. वहीं, पशुपति पारस ने कहा कि चुनाव से इतने पहले सीट बंटवारे के मामले पर चर्चा नहीं की जाती. उन्होंने दावा किया कि दिवंगत रामविलास पासवान ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनते हुए हाजीपुर सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा था. पशुपति पारस इससे पहले साफ कर चुके हैं कि दोनों पार्टियों का विलय नहीं होगा.
2021 में एलजेपी में हुई थी टूट
बता दें कि राम विलास पासवान के निधन के बाद साल 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी दो हिस्सों में टूट गई थी. इसका एक धड़ा ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ उनके भाई पशुपति कुमार पारस के साथ है, जबकि दूसरा धड़ा उनके बेटे चिराग पासवान के पास है. चिराग पासवान अपने धड़े में अकेले सांसद रह गए और चिराग एनडीए से अलग हो गए थे. लेकिन पिछले कुछ महीनों में एनडीए से उनकी नजदीकियां बढ़ी हैं.