दिल्ली पुलिस ने न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक के 30 से ज्यादा लोकेशंस पर रेड की. पुलिस कुछ पत्रकारों को अपने साथ ले गई है. दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत की. 5 अगस्त को अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था. वे चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनियाभर में संस्थाओं को फंडिंग करते हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सीनियर अधिकारियों की सोमवार को एक मीटिंग के दौरान मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया. सूत्रों के मुताबिक, आज जिन पत्रकारों के घरों पर छापेमारी हुई, उन सभी की लिस्ट पहले ही तैयार कर ली गई थी. इन पत्रकारों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था. हर कैटेगरी में उनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई खासतौर पर प्लान की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने डिवाइस की एक लिस्ट भी तैयार की थी. छापे के दौरान मिले डिवाइसों के IMEI नंबरों का मिलान किया गया था. दिल्ली पुलिस के पास 20-25 सवालों की एक लिस्ट भी थी. ये सवाल दिल्ली के शाहीन बाग में मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े थे. इस वेबसाइट से जुड़े कई पत्रकारों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की 5 धाराओं और भारतीय दंड संहिता के 2 धाराओं के तहत आरोप हैं. इन आरोपों में आपराधिक साजिश, कई समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, आतंकवादी गतिविधियां और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाना शामिल है.
इस बीच प्रेस संगठनों ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ एक्शन पर चिंता जाहिर की है. ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने एक बयान में कहा, “EGI 3 अक्टूबर की सुबह वरिष्ठ पत्रकारों के घरों पर छापे और उसके बाद उनमें से कई पत्रकारों की हिरासत को लेकर बेहद चिंतित है. हम राज्य से उचित प्रक्रिया का पालन करने का आग्रह करते हैं. प्रेस को डराने-धमकाने के लिए कठोर आपराधिक कानूनों को हथियार न बनाया जाए.” वहीं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने हैशटैग #DefendMediaFreedom के साथ एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, “न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई कई छापेमारी से प्रेस क्लब ऑफ इंडिया काफी चिंतित है. हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे.”
उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भुवनेश्वर में पत्रकारों से कहा कि उन्हें सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई को सही ठहराने की जरूरत नहीं है. ठाकुर ने कहा, “अगर किसी ने कुछ भी गलत किया है, तो सर्च एजेंसी तय नियमों के तहत उनके खिलाफ जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं.” इस बीच इस छापेमारी को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है. विपक्षी गठबंधन INDIA ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वह मीडिया के साथ खड़ा है. विपक्षी गठबंधन ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) की पार्टियां मीडिया पर बीजेपी सरकार के ताजा हमले की कड़ी निंदा करती हैं. हम मीडिया के साथ और संवैधानिक रूप से संरक्षित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए मजबूती के साथ खड़े हैं.”
It’s awesome to pay a quick visit this website and reading the views of all colleagues concerning this paragraph, while I am
also eager of getting knowledge.
I enjoy what you guys tend to be up too. This sort of clever work and
exposure! Keep up the very good works guys I’ve incorporated you guys to our blogroll.
I’m no longer certain the place you are getting your information, but great topic.
I must spend some time studying more or working out more.
Thank you for fantastic info I was in search
of this info for my mission.
I like the valuable information you provide in your articles.
I will bookmark your weblog and check again here regularly.
I’m quite sure I will learn a lot of new stuff right here! Good luck
for the next!