मात्र 18 साल की उम्र में डोम्माराजू गुकेश ने सिंगापुर में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को विश्व चैंपियनशिप की 14वीं बाजी में मात देकर खेल के करीब 138 साल के इतिहास में सबसे युवा चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया.
नाम दुनिया उन्हें डी गुकेश के नाम से जानती है. दुनिया का शतरंज का यह सबसे कम उम्र का शहंशाह है. गुरुवार को गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चेंस चैंपियन बन गए. 14 बाजियों तक चले मुकाबले में गुकेश के मन में क्या चल रहा था, यह उनकी जीत के बाद दिखा. गुकेश भावुक हो गए. आंखों से आंसुओं की धार बह निकली. अपने मोहरों और खुद को संभालते उनकी तस्वीरों ने हर भारतीय को भिगो दिया.
इसी खेल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप इन दिनों भारत में चल रही थी, जिसमें भारत के 18 साल के डोम्माराजू गुकेश शतरंज के मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन की बादशाहत को कड़ी चुनौती दे रहे थे. टूर्नामेंट बड़े ही दिलचस्प दौर तक पहुंचा. 14 मैचों तक चले मुकाबले में आखिर गुकेश बाजी मार ले गए. रोमांच किस कदर था यह आप उससे समझ सकते हैं कि 12 मैच पूरे होने तक डिंग लिरेन 6-6 के स्कोर से गुकेश के साथ बराबरी पर थे. दोनों ही खिलाड़ियों ने दो-दो मैच जीते थे और आठ मैच ड्रॉ रहे. 13वीं बाजी पर ड्रॉ पर खत्म हुई और 14वीं और निर्णायक बाजी गुकेश जीत गए. इस तरह शतरंज का अगला बादशाह मिल गया. डी. गुकेश ने जो कारनामा वीरवार को किया, वह भारतीय खेलों के इतिहास में और युवाओं के लिए हमेशा एक बड़ी प्रेरणा रहेगा.
गुकेश को मिली इतनी इनामी रकम
निश्चित तौर पर गुकेश की सफलता को किसी भी इनामी रकम से नहीं आंका जा सकता क्योंकि सबसे युवा विश्व चैंपियन के रूप में मिलने वाली यह रकम हाल ही में आईपीएल नीलामी में बिके ऋषभ पंत से आधे से भी कम है, लेकिन यह एक ऐसी बड़ी उपलब्धि है, जो यहां से इस खेल को देश के युवाओं के बीच और लोकप्रिय बनाएगा. बहरहाल, विश्व चैंपियन बनने पर गुकेश को 13,00000 लाख अमेरिकी डॉलर इनाम के रूप में मिले. मतलब गुकेश को भारतीय मुद्रा में करीब 11 करोड़ रुपये इनाम के रूप में मिले हैं.
टॉप-10 चेस खिलाड़ियों में 3 भारतीय
अब अगर डी गुकेश सिंगापुर में चल रही वर्ल्ड चैंपियनशिप का ख़िताब जीत लेते हैं तो भारत के लिए यह सोने पर सुहागा जैसा होगा. ऐसा दौर जिसकी कल्पना कोई भी देश करेगा. भारत में चेस के इस नए दौर के पीछे एक बड़ी प्रेरणा वर्ल्ड चेस चैंपियन रहे विश्वनाथन आनंद है.