बिहार के चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने लालू को जमानत दिए जाने का विरोध किया. सीबीआई ने दलील दी कि लालू यादव तो बैडमिंटन खेल रहे हैं. उनको जमानत देने का फैसला भी गलत था. सुनवाई के दौरान यह साबित किया जाएगा. अब इस मामले में 17 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
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दरअसल, लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में किडनी ट्रांसप्लांट का हवाला देते हुए कहा, “उन्होंने 42 महीने जेल काटी है. उन्हें किडनी की बीमारी है. अब सीबीआई उन्हें वापस जेल भेजना चाहती है.” इसका विरोध करते हुए सीबीआई की ओर से ASG एस वी राजू ने कहा, “इसमें कानून का छोटा सा सवाल है. जमानत इसलिए मंजूर की गई, क्योंकि उन्होंने जेल में 50 फीसदी समय गुजार लिया है. लालू यादव को इस आधार पर सजा के निलंबन का लाभ नहीं दिया जा सकता है कि उन्होंने उन्हें दी गई कुल जेल सजा की आधी अवधि बिता ली है. क्योंकि उन्हें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अलग-अलग सजा सुनाई गई है. इसलिए ये सजा अलग-अलग काटनी होंगी. एक साथ नहीं.”
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चारा घोटाला मामले में CBI ने मेडिकल ग्राउंड पर लालू यादव को जमानत देने के झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. सीबीआई की याचिका के जवाब में लालू प्रसाद का कहना है कि सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है. 30 अप्रैल 2022 को लालू यादव को जमानत दे दी गई थी. लालू करीब 3 साल तक रांची के जेल में रहे.