अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे पी आर श्रीजेश एक बार फिर भारतीय हॉकी की ‘दीवार’ साबित हुए और 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारत ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4 . 2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने 36 वर्ष के श्रीजेश की अगुवाई में ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढत नहीं बनाने दी. ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली. निर्धारित समय तक स्कोर 1 . 1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया. शूटआउट में भारत के लिये कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके. कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया.
भारत को छह अगस्त को होने वाले सेमीफाइनल में जर्मनी और अर्जेंटीना के बीच होने वाले क्वार्टर फाइनल के विजेता से खेलना है. टोक्यो ओलंपिक में ब्रिटेन को ही हराकर भारतीय टीम अंतिम चार में पहुंची थी. श्रीजेश टोक्यो में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ भी भारत की दीवार साबित हुए थे और उन्होंने पेरिस ओलंपिक के अब तक के सबसे कठिन मुकाबले में भी अपेक्षाओं पर खरे उतरकर दिखाया.
पेरिस ओलंपिक के बाद रिटायर हो रहे पीआर श्रीजेश
गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने 2013 से 2015 तक हॉकी इंडिया लीग में मुंबई मैजिशियंस के लिए 12 मैच खेले. 2015 में उन्हें उत्तर प्रदेश विजार्ड्स ने खरीदा और तब से वे टीम के साथ हैं और 2017 सीजन तक उन्होंने उनके लिए 33 मैच खेले थे. इस दौरान भी श्रीजेश ने अपने कौशल ने हर किसी को हैरान किया था.
टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत के हॉकी अभियान के सुपरस्टार
टोक्यो 2020 ओलंपिक में जब भारत ने कांस्य पदक जीता था, तो उसके पीछे उनकी अहम भूमिका थी. 2021 में, उन्होंने भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार और फिर ‘वर्ल्ड एथलीट ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार जीता. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केरल में जन्मे श्रीजेश अपने करियर में गोल्ड मेडल जीत पाएंगे या नहीं, बता दें कि भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं.