गुजरात के वडोदरा से आनंद को जोड़ने वाला गंभीरा ब्रिज टूटने से हुए हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 5 घायलों का इलाज जारी है. गंभीरा ब्रिज हादसे में अब तक 11 की मौत हुई है. नदी में फसे ट्रक के नीचे अभी भी शव दबे हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के मुताबिक़, ट्रक के नीचे अभी करीब 3 शवों के दबे होने की आशंका है. ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले साल ब्रिज रिपेयर हुआ था.

ब्रिज की स्टेबिलिटी रिपोर्ट के बाद वाहनों की आवाजाही को मंजूरी दी गई थी, लेकिन ब्रिज की स्थिति को देखकर मुख्यमंत्री से बात करके नए ब्रिज की अनुमति ले ली जा चुकी थी. उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल ब्रिज की जांच हुई थी, तब ब्रिज सही पाया गया था. अब इस हादसे के बाद किसकी गलती है, वो जांच के बाद पता चलेगा और उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी.

पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और समय समय पर तथा जरूरत पड़ने पर इसका रखरखाव किया जाता था. मंत्री ने कहा, ‘घटना के वास्तविक कारण की जांच की जाएगी.’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर पहुंचने और हादसे के कारण की जांच का निर्देश दिया.

पादरा के पुलिस निरीक्षक विजय चरण ने इससे पहले कहा था कि घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे हुई तथा दो ट्रक और दो वैन समेत कुछ वाहन नदी में गिर गए. एक अधिकारी ने बताया कि वडोदरा दमकल विभाग की टीम और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है. करीब 900 मीटर लंबे गंभीरा पुल के 23 खंभे हैं और यह गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है. इसका उद्घाटन 1985 में हुआ था.

मोरबी पुल हादसे की यादें हुई ताजा
सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आया है, उसमें कुछ लोग नदी में गिरे वाहनों को रेस्क्यू करते नजर आ रहे हैं. वहीं टूटे पुल पर एक ट्रैंकर नदी में समाने से बाल-बाल बच गया. ट्रैंकर ट्रक का पिछला हिस्सा पुल पर टिका है जबकि आगे का हिस्सा टूटे हुए पुल पर. इस खौफनाक नजारे को देख कई लोगों की सांसे अटक गई. गुजरात में पुल टूटने की एक और खबर से मोरबी पुल हादसे की यादें ताजा हो गई. जब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

