शनिवार को WTC Final के चौथे दिन वैसा ही हुआ जैसा सभी खेल प्रेमी उम्मीद कर रहे थे यानि कोई चमत्कार नहीं हुआ और आस्ट्रेलिया मैच हार गई. दक्षिण अफ्रीका ने गत चैंपियन कंगारुओं के गुरूर को चूर करते हुए उसे फाइनल मुकाबले के चौथे दिन 5 विकेट से खोकर पहली बार किसी भी फॉर्मेट में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. दो राय नहीं कि इस खिताबी जीत में कप्तान टेंबा बवुमा को वह हासिल हुआ, जो टेस्ट इतिहास के पिछले करीब 100 साल में बमुश्किल ही किसी कप्तान को हासिल हुआ है. टेंबा की सबसे जरूरत के मौके पर 66 रन की पारी और प्लेयर ऑफ द मैच मार्करम के साथ उनकी तीसरे विकेट के लिए 147 रन की साझेदारी जीत का बड़ा आधार साबित हुई. लेकिन इससे इतर बवुमा के नाम पर वह कारनामा दर्ज हो गया, जिसे इतिहास से दिग्गज से दिग्गज कप्तान अपने नाम दर्ज नहीं करा सके. यह बवुमा की कप्तानी में उनका सिर्फ दसवां ही टेस्ट था. और बवुमा बतौर कप्तान करियर के शुरुआती दस में से 9 टेस्ट जीतने वाले पिछले सौ साल में पहले कप्तान बन गए.

बावुमा ने कप्तान के तौर पर तोड़ा 104 साल पुराना रिकॉर्ड
साउथ अफ्रीका के कप्तान के तौर पर बावुमा का शानदार प्रदर्शन रहा है. बावुमा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करते ही कप्तान के तौर पर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. बावुमा अब टेस्ट इतिहास में इकलौते कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने बिना कोई मैच हारे 9 टेस्ट जीते हैं. बावुमा ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के वारविक ऑर्मस्ट्रांग का रिकॉर्ड तोड़ा. वारविक 1920-21 में इकलौते कप्तान बने थे, जिन्होंने 10 मैचों में कप्तानी करने के बाद बिना कोई टेस्ट हारे 8 मैच जीते थे.

बल्ले से रहा तूफानी प्रदर्शन
टेंबा बवुमा ने अपनी कप्तानी में दस टेस्ट मैचों में बल्ले से भी खासा तूफानी प्रदर्शन किया. उन्होंने इन मैचों में 56.93 के औसत से 911 रन बनाए. इसमें उनके तीन शतक शामिल रहे. यह बतात है कि कप्तान बनने के बाद उनके प्रदर्शन में भी खासा गजब का सुधार हुआ है.

श्रीलंकाई टीम सबसे ज्यादा रास आई
दस टेस्ट मैचों में बवुमा का सबसे अच्छा प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ रहा. उन्होंने खेले 2 मैचों में श्रीलंका के खिलाफ 81.75 के औसत से सबसे ज्यादा 327 रन बनाए, तो वहीं दस में से 7 टेस्ट मैच बवुमा ने अपने ही देश में खेले. और इन सात मैचों में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने 64.00 के औसत से 74 रन बनाए.
