धुंधला दिखना, रात में या कम रोशनी में देखने पर तकलीफ, पढ़ने या फिर अन्य कामों के लिए ज्यादा रोशनी की जरूरत, चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के नंबर में बार-बार बदलाव, रंगों का फीका पड़ना या पीला पड़ना और चीजें डबल दिखाई देना, मोतियाबिंद के लक्षण होते हैं. आपको इनमें से कोई भी सिमटम्स हैं तो आई स्पेशलिस्ट से तुरंत संपर्क कर लेना चाहिए.
मोतियाबिंद के क्या कारण है ?
मोतियाबिंद शराब, सिगरेट ज्यादा पीने के कारण हो सकता है. इसके अलावा बहुत ज्यादा धूप में रहना, सन ग्लास का इस्तेमाल ना करना, स्टेरॉयड, बुढ़ापा, फोन, लैपटॉप का इस्तेमाल ज्यादा करना और आंख में चोट लगने के कारण भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं.
घरेलू उपचार से मोतियाबिंद को करें कंट्रोल
अगर आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस हों तो फिर अपनी रूटीन में खट्टे फल, सूरजमुखी का तेल, हरी पत्तेदार सब्जियां और विटामिन ए का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. ये सारे फूड आपकी आंखों को हेल्दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
मोतियाबंद क्या है ?
जब आंखों की लेंस पर धुंधली परत जम जाती है, तो इसे मेडिकल लैंग्वेज में ‘मोतियाबिंद’ या फिर ‘क्लाउडिंग ऑफ लेंस’ कहते हैं. मोतियाबिंद भी दो प्रकार की होती है- पहली व्हाइट दूसरी ब्लैक मोतियाबिंद. आपको बता दें कि मोतियाबिंद को सर्जरी कराकर इसको ठीक किया जा सकता है.