भारतीय वीमेंस उपकप्तान स्मृति मंधाना ने विश्व क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से लोहा मनवा रही हैं. अपने हर प्रर्दशन से वह इतिहास रचने की ओर बढ़ रही हैं. इसी कड़ी में मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में बुधवार को चंड़ीगढ़ के महाराज यदविंद्र सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में एक कदम और आगे बढ़ा दिया. मंधाना ने कंगारू टीम के खिलाफ 91 गेंदों पर 14 चौकों और 4 छक्कों से 117 रन की पारी खेली. यह उनके वनडे करियर का कुल मिलाकर 12वां शतक रहा. इसी के साथ ही वह दो देशों के खिलाफ तीन-तीन शतक बनाने वाली भारत की पहली बल्लेबाज बन गईं, जो की भारत के लिए वीमेंस क्रिकेट में बड़ी और वेरी-वेरी-स्पेशल बात है.

दुनिया की नंबर तीन बल्लेबाज
वीमेंस वनडे क्रिकेट में जब बात सबसे ज्यादा शतक जड़ने की आती है, तो इस शतक के साथ ही वह इस मामले में संयुक्त रूप से दुनिया की नंबर तीन बल्लेबाज बन गई हैं. अब 12-12 शतकों के साथ स्मृति और इंग्लैंड की टैमसिन बाउमोंट बराबरी पर हैं. और वह दिन ज्यादा दूर नहीं हैं, जब वह न्यूजीलैंड की सूजी बेट्स (13) को जल्दी ही पीछे छोड़ देंगी.

इतिहास रचने से बस 3 ‘कदम’ दूर!
बहरहाल, स्मृति की मंजिल खिलाडी सूजी बेट्स नहीं, बल्कि शीर्ष पर काबिज ऑस्ट्रेलिया की मेनग लैनिंग हैं. अपने 34वें साल में चल रही लेनिंग 103 वनडे मैचों में 15 शतक के साथ वीमेंस वनडे इतिहास में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाली बल्लेबाजी हैं. यहां से स्मृति को लैनिंग की बराबरी के लिए सिर्फ 3 शतक और बनाने हैं. और जिस स्तर की बल्लेबाज मंधाना हैं और जैसी नियमितता और भूख उनमें है, वो दिन दूर नहीं है, जब वह लैनिंग को भी पीछे छोड़ देंगी.

मिताली और हरमनप्रीत पीछे छूटीं
चंडीगढ़ में जड़े इस शतक के साथ ही स्मृति मंधाना अलग-अलग प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कम से कम 3-3 शतक जड़ने वाली पहली बल्लेबाज बन गई. उनसे पहले मिताली राज (3 शतक बनाम श्रीलंका) और वर्तमान कप्तान हरमनप्रीत कौर (3 शतक बनाम इंग्लैंड) ने एक देश के खिलाफ कारनामा किया है. लेकिन मंधाना अब यह उपलब्धि दो बार हासिल कर चुकी हैं. एक बार उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन शतक जड़े, तो एक बार अब यह कारनामा स्मृति ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कर दिखाया है, जो अपने आप में बहुत ही विशेष उपलब्धि है.
