डिजिटल पेमेंट को और सिक्योर बनाने के लिए NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने UPI ट्रांजैक्शन के लिए नया नियम जारी किया है. यह नया नियम 30 जून 2025 से लागू हो जाएगा. जिसके बाद UPI ट्रांजैक्शन का तरीका बदल जाएगा.इसके साथ ही यूजर्स फ्रॉड से बचे रहेंगे. आइए जानते हैं क्या-क्या बदलने वाला है और इससे क्या फायदा होगा.

अब बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम दिखाई देगा
अभी तक जब हम किसी को UPI से पेमेंट करते हैं, तो मोबाइल ऐप पर वही नाम दिखता है जो हमने अपने फोन में सेव किया होता है. इससे कई बार फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है. स्कैमर्स नकली नाम या फोटो लगाकर लोगों को धोखा दे देते हैं.लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

नए नियम के मुताबिक, जब भी आप किसी को पेमेंट करेंगे चाहे QR कोड स्कैन करें, मोबाइल नंबर डालें या UPI ID आपको उस व्यक्ति का बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम ही दिखाई देगा. इससे यह कन्फर्म करना आसान होगा कि आप सही व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं या नहीं.

ये P2P और P2M में लागू होगा.
यह नियम दो तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा, पर्सन टू पर्सन यानि P2P- जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पेमेंट करता है. पर्सन टू मर्चेंट यानि P2M- जब कोई दुकानदार, कैफे या किसी सर्विस को पेमेंट किया जाता है. हर बार ट्रांजैक्शन करने से पहले ऐप खुद ही रिसीवर का बैंक में रजिस्टर्ड नाम दिखा देगा.

नए सिस्टम से क्या फायदा होगा ?
असली नाम दिखने से पेमेंट भेजने से पहले पहचान करना आसान होगा जिससे फ्रॉड पर कंट्रोल होगा. अब गलती से किसी और को पैसे ट्रांसफर होने का रिस्क कम हो जाएगा. यह बदलाव लोगों को डिजिटल पेमेंट को लेकर और ज्यादा भरोसा देगा.

यूजर्स को क्या करना चाहिए?
हर बार पेमेंट से पहले जो नाम ऐप पर दिख रहा है, उसे ध्यान से पढ़ें. अगर नाम अजनबी लगे या कुछ गलत लगे तो पेमेंट न करें. किसी अनजान QR कोड को स्कैन करने से बचें और किसी भी दिक्कत में तुरंत अपने बैंक या पेमेंट ऐप के हेल्पलाइन पर संपर्क करें.
