लोकसभा चुनाव में इस बार जनता जनार्दन ने जो फैसला दिया है, उससे सरकार भी बनेगी और मजबूत विपक्ष भी बनेगा. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में लगातार तीसरी बार NDA की सरकार बनने जा रही है, लेकिन इसबार BJP बहुमत के आंकड़े 32 सीटें कम 240 सीटें ही मिल पाई है. NDA को 293 सीटें मिली हैं. ऐसे में सत्ता की चाबी NDA के दो बड़े पार्टनर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के हाथ में रहेगी. वहीं, विपक्ष की बेंच पर 232 सीटों के साथ INDIA अलायंस के सहयोगी राहुल गांधी, अखिलेश यादव जैसे चेहरे रहेंगे.
मोदी ने बुधवार दोपहर राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया. शाम को उन्हें NDA का नेता भी चुन लिया गया. लोकसभा भंग की जा चुकी है. 8 जून को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में किसे मंत्रीपद मिल सकता है, इसे लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं.
8 जून की तारीख आजाद भारत के इतिहास में बहुत खास होने वाली है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी ऐसे पहले नेता होंगे, जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव में जीते हुए सभी मंत्री फिर से मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस चुनाव में अमित शाह ने गांधीनगर (गुजरात), राजनाथ सिंह ने लखनऊ (यूपी), नितिन गडकरी ने नागपुर (महाराष्ट्र), पीयूष गोयल ने मुंबई नॉर्थ (महाराष्ट्र), गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर (राजस्थान), भूपेंद्र यादव ने अलवर (राजस्थान) से जीत दर्ज की है. ऐसे में इन्हें फिर से नरेंद्र मोदी की टीम में देखा जा सकता है. हालांकि, NDA में पोर्टफोलियों बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक, सरकार के मंत्रिपरिषद में लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत तक मंत्री हो सकते हैं. यानी प्रधानमंत्री के अलावा उनकी टीम में 78 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं.
NDA के प्रस्ताव में 21 लोगों के नाम
मोदी सरकार की तीसरी पारी में घटक दलों में से किसे और कितनी संख्या में कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाएगा? ये भी एक सवाल है. बुधवार को पास हुए NDA के प्रस्ताव में कुल 21 लोगों के नाम हैं. इसमें पांचवें नंबर पर चंद्रबाबू नायडू और छठे नंबर पर नीतीश कुमार का नाम दर्ज है. NDA के साथी TDP ने चुनाव में 15 सीटें मिली हैं, जबकि JDU ने 12 सीटें जीती हैं. NDA में BJP के बाद यही दोनों पार्टियां संख्या बल में सबसे बड़ी हैं. माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां अपने लिए कुछ बड़ी मांग रख सकते हैं. ध्यान रहे कि सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री पहले से ही संसद में हैं. जैसे एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण, ये दोनों राज्यसभा के सदस्य हैं.
कई पूर्व सीएम भी कर सकते हैं मंत्रीपद की दावेदारी
मोदी सरकार की तीसरी पारी के लिए बन रही टीम में पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया जा सकता है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब टीम मोदी में शामिल किए जा सकते हैं. वैसे चुनाव जीतकर आने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों में BJP के सहयोगी दल ‘हम’ के नेता जीतन राम मांझी भी शामिल हैं. जाहिर है वो भी अपनी दावेदारी रखेंगे.
सरकार का रोडमैप तैयार
नरेंद्र मोदी ने पीएम पद के शपथ से पहले ही सरकार के कामकाज का रोडमैप बना लिया है. नतीजों के बाद उन्होंने अपने भाषण में भी इस ओर इशारा किया. नतीजों से ठीक पहले भी प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक बैठकें की थीं, जिसमें नई सरकार के एजेंडे पर मंथन हुआ था.