दिल्ली में एक बेहद अनोखा मामला सामने आया है. यहां सीबीआई ने रेयर “रिवर्स ट्रैप” ऑपरेशन में दो प्राइवेट लोगों को रंगे हाथों पकड़ लिया, जब वे जीएसटी इंटेलिजेंस के एक सुपरिंटेंडेंट को 22 लाख रुपये रिश्वत देने पहुंचे थे. असल में, जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय के सुपरिंटेंडेंट एक जांच कर रहे थे, जिसमें कई ऑनलाइन कंपनियों पर टैक्स चोरी का शक था. तभी आरोपी सुपरिंटेंडेंट से मिले और कंपनियों को फायदा दिलाने के बदले में मोटी रकम ऑफर की.

अफसर ने ईमानदारी और प्रोफेशनलिज़्म की मिसाल पेश करते हुए तुरंत सीबीआई में शिकायत दर्ज करा दी. इसके बाद में सीबीआई ने चालाकी से “रिवर्स ट्रैप” बिछाया और जैसे ही दोनों आरोपी अफसर को 22 लाख रुपये की रिश्वत देने पहुंचे राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता नाम के दो आरोपियों को टीम ने उमौके पर दबोच लिया.

CBI ने दोनों की गिरफ्तारी के बाद कई ठिकानों पर सर्च भी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस दौरान टैक्स चोरी और रिश्वतखोरी से जुड़े कई और सबूत हाथ लग सकते हैं. यह पूरा मामला एक बार फिर साफ करता है कि अगर ईमानदार अफसर ठान लें, तो भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है. इस ऑपरेशन ने दिखाया है कि सिस्टम में अब भी ऐसे अधिकारी मौजूद हैं, जो दबाव या लालच में आए बिना अपना फर्ज निभाते हैं.

