अमेरिका के दौरे पर गए पाकिस्तान के आर्मी चीफ असिम मुनीर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबल शांति पुरस्कार की मांग की है. असीम मुनीर ने बकायदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है. असीम मुनीर ने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाने में ट्रंप की भूमिका को लेकर उन्हें नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की बात कही है. मालूम हो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को रुकवाने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी भूमिका की बात कही जाती रही है. डोनाल्ड ट्रंप ने ही सबसे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनने की खबर ब्रेक की थी. हालांकि भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावे को हर बार खारिज किया है.

ये खबर तब समाने आ रही है जब व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ पाकिस्तान के जनरल मुनीर की लंच वाली डिप्लोमैसी का खेला जा रहा है साथ ही. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर एक बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को नजरअंदाज करते हुए मुनीर की रेटिंग बढ़ा दी है. वहीं इस लंच से यह भी साफ हो गया है कि कहीं न कहीं पाकिस्तान में सेना का ही सिक्का चलता है और सरकार बस दिखावे की है.

ईरान जंग के बीच मीटिंग
डोनाल्ड ट्रंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे कैबिनेट रूम में पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के साथ लंच करेंगे. पाकिस्तान के अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, असीम मुनीर के अमेरिकी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से भी मिलने की उम्मीद है. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब इजरायल-ईरान के बीच जंग जारी है और अमेरिका की तरफ से लगातार ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की अपील की जा रही है.

यात्रा से पहले विवाद
जनरल मुनीर पांच दिनों की आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंचे हैं. मुनीर की इस यात्रा से पहले काफी विवाद हुआ था. अमेरिका की तरफ से इस पर सफाई दी गई और कहा गया कि था कि यह यात्रा 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के समारोह से जुड़ी नहीं थी. साथ ही मुनीर के दौरे का मकसद दोनों देशों के बीच ‘सैन्य और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना’ है. मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान, शनिवार दोपहर को कई पीटीआई समर्थक पाकिस्तानी दूतावास के बाहर एकत्र हुए और पाकिस्तान में “अप्रतिबंधित लोकतंत्र” की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
