दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लांड्रिंग के मामले में उनकी जमानत की मांग की यह दूसरी याचिका थी, जिस पर उन्हें जमानत मिली. इससे पहले कोर्ट ने उनको जमानत की मांग को खारिज कर दिया था. सत्येंद्र जैन को ज़मानत का आदेश सुनने के बाद कोर्ट मे मौजूद उनकी पत्नी कोर्ट में रो पडी.
दिल्ली की राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने ज़मानत देते हुए कहा अभी मामले मे ट्रायल खत्म होने आसार नजर नहीं आ रहे है. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को जमानत देते हुए कहा वह लंबे समय से लंबे समय से जेल मे है. वही मुकदमा जल्द शुरू होने की संभावना नहीं है और पूरा होना तो दूर की बात है। इसलिए वह जमानत का हकदार है. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मामले में गवाहों से संपर्क करने,मुकदमे को प्रभावित करने और भारत से बाहर यात्रा नहीं करने की शर्तों के सात जमानत दी.
दरअसल जैन को कथित तौर पर चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग केआरोप में ED ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। मामला 2017 मे CBI द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में थे. ED ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि यदि जैन को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.कोर्ट ने पांच अक्तूबर को जैन की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इस मामले में जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई।ED ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन और चार कंपनियों मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है.