बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। छपरा और सीवान जिलों में ज़हरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हो गई है। महिलाएं विधवा हो गईं, परिवार बिखर गए, और लोग अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठे हैं.
बिहार में मंगलवार-बुधवार के बीच जहरीली शराब ने फिर बड़ा रूप दिखाया। दो सीमावर्ती जिलों में 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई लोग अस्पताल में अभी भी जिंदगी और मौत से लड रहे है. सरकार ने इन मौतों की पुष्टि कर दी है, मरने वालों और बीमारों की संख्या और ज्यादा हो सकती है, यह आशंका पुलिस-प्रशासन को भी है। इसलिए, बाकायदा सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
सारण में तीन की मौत, पटना भी नहीं पहुंच सका
सारण में घटना मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में हुई है, जो सीवान जिले के भगवानपुर हाट और सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र की सीमा पर है। जहरीली शराब पीने से मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी लतीफ मियां के 30 वर्षीय पुत्र इस्लामुद्दीन अंसारी की मौत हुई है। आलम अंसारी के 29 वर्षीय पुत्र मुमताज अंसारी और रियाज अंसारी के 18 वर्षीय पुत्र शमशाद अंसारी का इलाज चल रहा था। शमशाद की भी पटना जाने के दौरान मौत हो गई। शाम होते-होते इनके अलावा भी सारण में केस सामने आ गए। मशरक थाना क्षेत्र के ही सुंदर गांव निवासी वकील मियां के 35 वर्षीय पुत्र गुल मोहम्मद की संदिग्ध स्थिति में मौत की सूचना आई.
थानाध्यक्ष व दो चौकीदार निलंबित, नौ गिरफ्तार
जिला पदाधिकारी ने बताया कि मृत्यु के कारण को ज्ञात करने के लिए शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सही तथ्य की जानकारी प्राप्त हो सकेगी। पुलिस अधीक्षक सीवान ने ड्यूटी पर तैनात थानाध्यक्ष भगवानपुर हाट के साथ दो चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सीवान ने एसआईटी गठित कर सारण जिला के साथ मिलकर संयुक्त छापामारी शुरू कर दी है। घटना से संबंधित नौ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.