जब से भारत में होने वाले World Cup 2023 के शेड्यूल का ऐलान हुआ है, तभी से PCB अपनी टीम को भारत भेजने के नाम पर बेतुकी बातें कर रहा है और उसकी ओर से नियमित अंतराल पर अलग-अलग बयान आ रहे हैं. साथ ही अब इसमें पाकिस्तानी सरकार के कुछ मंत्री भी शामिल हो गए हैं, जिन्हें अपने ही देश में खासी आलोचना भी झेलनी पड़ रही है. अब पाकिस्तान के खेल मंत्री एहसान माजरी ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भारत Asia Cup 2023 में खेलने भारत नहीं आता है, तो उनकी टीम भी World Cup 2023 खेलने भारत नहीं जाएगी. बहरहाल कुल मिलाकर यह PCB हो या फिर पाकिस्तान के मंत्री, इनके ये बयान किसी गीदड़ भभकी से ज्यादा और कुछ नहीं हैं क्योंकि किसी भी ICC इवेंट से किसी भी देश का बिना किसी ठोस वजह के हटना लगभग असंभव है. चलिए वे तीन बड़ी वजह जान लीजिए, जो साफ बयां कर रही हैं कि पाकिस्तान के लिए अपनी टीम भारत भेजने से मना करना या World Cup 2023 का बायकाट करना क्यों लगभग असंभव होगा.
- ICC फंड पर निर्भर PCB
आईसीसी से सबसे ज्यादा सालाना रेवेन्यू हासिल करने के मामले में PCB चौथे नंबर पर है. जहां ICC ने अगले चार साल लिए भारत को सबसे ज्यादा यानि 38.50 प्रतिशत रेवेन्यू देने का फैसला किया है, तो पाकिस्तान इस बाबत चौथे नंबर यानि उसका प्रतिशत 5.75 है. इस हिसाब से भारत को जहां साल में ICC भारत को लगभग 1,908.753 करोड़ रुपये देगा, तो PCB के हिस्से में लगभग 285 करोड़ रुपये ही आएंगे. PCB की सालाना कमाई करीब 137 करोड़ रुपये है. साफ है कि ICC से उसे साल में अपनी कमाई से आधे से भी ज्यादा रकम मिलेगी. ऐसे में ICC इवेंट से हटने का मतलब होगा उससे मिलने वाली सालाना कमाई से भी हाथ धोना. और यह वह बात है, जिसका जोखिम न तो PCB लेना ही चाहेगा और न ही लेने की स्थिति में है.
2. प्रतिबंध का भी सामना करना पड सकता है
पाकिस्तान के मंत्री चाहे कितना भी बड़बोल बोलें, लेकिन PCB भी यह बखूबी समझता है कि अगर उसकी सरकार भारत में होने वाले World Cup 2023 के लिए टीम भारत नहीं भेजता है या कोई अतार्किक जिद पर अड़ा रहता है, तो उसे वैश्विक संस्था से प्रतिबंध भी झेलना पड़ सकता है. मतलब ऐसा भी हो सकता है कि कुछ सालों के लिए पाकिस्तान के ICC इवेंट्स में भाग लेने पर रोक लगा दी जाए.
3. ICC चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन से भी हाथ धोना पड़ेगा
अगर पाकिस्तान बॉयकॉट करता है, तो उसे साल 2025 में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से भी हाथ धोना पड़ेगा. इसके कई प्रतिफल देखने को मिल सकते हैं. सबसे बड़ा प्रतिफल तो यही होगा कि टूर्नामेंट खोने से पाकिस्तान को मोटी कमाई से वंचित होना पड़ेगा. जाहिर है कि ऐसे में पाकिस्तान के लिए World Cup 2023 के बॉयकॉट करने का अर्थ होगा कि खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारना.