हार्ट अटैक के लगातार बढ़ते मामले, कम उम्र में हार्ट अटैक आने की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. न्यूज में या वायरल वीडियो में भी आपने अक्सर देखा होगा कि अच्छा भला शख्स बात करते-करते या कुछ काम करते करते गिरा और उसका निधन हो गया. ऐसी घटनाएं अब उम्र की भी मोहताज नहीं रहीं. किसी भी उम्र में, कुछ भी काम करने वाले लोगों को ये शिकायत हो सकती है. दिल की इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार कौन है. क्या हमारी कुछ आदतें या यूं कहें कि कुछ बुरी आदतें ही इसके लिए जिम्मेदार तो नहीं है.
बदलते समय के साथ बदल रही लोगों की आदतें और लाइफस्टाइल इसके बीमारियों के लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं. एनडीटीवी ने इस बारे में मैक्स, बीएलके दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विकास ठाकरान से चर्चा की. इस चर्चा में उन्होंने बताया कि किस तरह से कुछ आदतें हार्ट अटैक के लिए नुकसानदेह हो रही हैं और उससे बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए.
स्मोकिंग की आदत
डॉ. ठाकरान के मुताबिक स्मोकिंग की आदत सबसे ज्यादा हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कारण बन रही हैं. उन्होंने बताया कि 20 से 30 साल के युवक युवतियों उनके पास सबसे ज्यादा समस्याएं लेकर आ रहे हैं. जिसकी वजह स्मोकिंग है. डॉ. ठाकरान कहते हैं कि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल यानी कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल हमारे बस में नहीं है लेकिन स्मोकिंग पर काबू रखना हमारे ही बस में है. स्मोकिंग से जितना ज्यादा दूर रहेंगे दिल की सेहत उतने ही बेहतर रहेगी.
नींद की कमी
दिल को हेल्दी रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है. डॉ. ठाकरान के मुताबिक नाइट शिफ्ट करने वालों की नींद पूरी नहीं होती और उसी तरह सोशल मीडिया पर युवाओं को देर रात तक एक्टिव रहने की आदत पड़ गई है. कम सोना दिल की सेहत के लिए अच्छा नहीं है. डॉ. ठाकरान का कहना है कि एक अच्छी नींद हार्ट अटैक और कैंसर दोनों से बचा सकती है.
एक्सरसाइज क्यों है जरूरी
डॉ. ठाकरान की सलाह है कि सभी लोगों को एक्सरसाइज की प्रोपर आदत बनानी चाहिए. जो लोग लंबी सिटिंग वाले जॉब में हैं खासतौर से उनके लिए. क्योंकि बहुत से लोग खान पान पर भी पूरा ध्यान नहीं रखते हैं. जिसकी वजह से बीपी और डायबिटीज के रोगी भी बढ़ रहे हैं. उनके मुताबिक नियमित एक्सरसाइज, कम नमक का खाना इस रोग से काफी हद तक बचा सकते है. साथ ही दवाओं को भी ज्यादा असरदार बना सकते हैं.