महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार की बगावत के बाद तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन कर दिया. इससे बाद 24 साल पहले शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी संकट में पड़ गई. सोमवार को शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर कर दिया. शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने दोनों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए चिट्ठी लिखी थी. इस ऐलान के तुरंत बाद अजित पवार ने भी नई टीम बना दी. उन्होंने सांसद सुनील तटकरे को महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.
महाराष्ट्र में सियासी संकट के 5 बड़े अपडेट
शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया है. सुनील तटकरे को भी निकाल दिया गया है. इसके बाद प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष पद से जयंत पाटिल को हटा दिया.
अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इसके साथ ही NCP पर दावा ठोंक दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि बतौर प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ही अब महाराष्ट्र में नियुक्ति करेंगे. किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने का फैसला पार्टी या फिर चुनाव आयोग नहीं कर सकता. यह काम सिर्फ विधानसभा स्पीकर कर सकता है.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार के फैसले NCP के फैसले नहीं है. उन पर गौर नहीं किया जाएगा. अजित पवार एनसीपी के विधिमंडल के नेता रहेंगे. उन्हें आधिकारिक तौर पर चुना गया है. हम उनसे (शरद पवार) हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि वह हमें अपना आशीर्वाद दें, क्योंकि वह हमारे गुरु हैं.
NCP में बगावत के बीच शरद पवार ने सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व CM यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर श्रद्धांजलि की और नई शुरुआत का संकल्प लिया. इस मौके पर पार्टी ने अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास किया.
शरद पवार से बगावत करने वाले NCP विधायकों से मुलाकात करने के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे. बताया जा रहा है कि अजित पवार के घर पर पॉवर शेयरिंग को लेकर विधायकों के बीच बातचीत हुई. इसके बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और नई टीम का ऐलान किया. अजित पवार ने सुनील तटकरे को महाराष्ट्र एनसीपी का अध्यक्ष बना दिया.