हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले लोग आमतौर पर तेल और घी के सेवन से बचते हैं, लेकिन पोषण विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने अपने लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट में इस बात को चुनौती दी है. वह लिखती हैं, “आम धारणा से अलग जब घी का सेवन कम मात्रा में किया जाता है, तो ये कोलेस्ट्रॉल लेवल पर बुरा प्रभाव डाले बिना हेल्दी डाइट का हिस्सा हो सकता है.” बत्रा के अनुसार, बहुत ज्यादा मात्रा में औषधीय घी सोरायसिस रोगियों में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और अन्य यौगिकों को कम करता है. उनकी स्किन कंडिशन में भी काफी सुधार होता है.
घी हाई लिपिड वाले रोगियों में कोलेस्ट्रॉल की रक्षा करता है और कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल, एलडीएल या ट्राइग्लिसराइड लेवल में कोई बदलाव नहीं करता है. घी को लीवर, याददाश्त और घाव भरने पर भी रभावशाली माना जाता है. ऐसा लगता है कि समझदारी से थोड़ा घी खाना शायद कोई बुरा विचार नहीं है.
घी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं जानिए-
आंत की सूजन में कमी: घी ब्यूटिरिक एसिड का एक अच्छा स्रोत है, एक प्रकार का फैट जो मनुष्यों और जानवरों में अध्ययन के आधार पर कम सूजन और बेहतर पाचन से जुड़ा होता है.
हेल्दी एसिड की प्रचुरता: कुछ शोध से पता चलता है कि घी में संयुग्मित लिनोलिक एसिड होता है जो कैंसर, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी कंडिशन के लिए सहायक हो सकता है.
बीटा-कैरोटीन: घी आपके बीटा-कैरोटीन के सेवन को बढ़ा सकता है, जो विटामिन ए के लिए शुरुआती बिंदु की तरह है. विटामिन ए हेल्दी आंखों, त्वचा, इम्यून फंक्शन और बहुत कुछ के लिए जरूरी है.
हार्ट हेल्थ में फायदेमंद: घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो सूजन को कम कर सकता है और हार्ट डिजीज से सुरक्षा प्रदान कर सकता है.
नियमित घी की जगह A2 गाय का घी चुनना एक अच्छा विचार है. A2 देसी गाय का घी सबसे शुद्ध है और पूरी तरह से देसी गायों के दूध से आता है. ये घी A2 दूध का उपयोग करके बनाया जाता है, जिसमें केवल A2 बीटा कैसिइन होता है, जो एक प्रकार का प्रोटीन है. ये प्रोटीन भारतीय गाय की नस्लों और भारतीय भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट जैसे अन्य जानवरों के दूध में पाया जाता है. दूसरी ओर, A1 गाय का घी A1 बीटा-कैसिइन या A1 और A2 बीटा-कैसिइन दोनों तरह के दूध से बनाया जाता है. इसलिए घी का सेवन सीमित मात्रा में करें और हेल्दी रहें.