भारी उद्योग मंत्रालय ने अपनी जांच संस्था ARAI को कहा की ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर की बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत आ रही है,लिहाजा इसकी जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. खराब गुणवत्ता वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर के वीडियो और शिकायतें लगातार ग्राहकों द्वारा की जा रही है जिसका समाधान ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से नहीं किया जा रहा. कंपनी के सीईओ भावेश अग्रवाल पर आरोप लगा की उन्होंने शिकायतों का संज्ञान लेने के बजाय ग्राहकों के प्रति नकारात्मक नजरिया रखा.
केंद्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सरकार ने ये एक्शन इलेक्ट्रिक स्कूटर की गुणवत्ता को लेकर हजारों ग्राहकों की शिकायतों के बाद लिया है और 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार रात एक्सचेंज फाइलिंग में कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले एक साल में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। नोटिस में दावा किया गया कि कंपनी के फाउंडर भाविश अग्रवाल और उनकी कंपनी ओला ने सर्विस की कमियों, भ्रामक विज्ञापनों, अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन किया है.
इस सप्ताह की शुरुआत से अब तक ओला के शेयर भी बड़े पैमाने पर उसकी गुणवत्ता की तरह गिर गए. अब भारत सरकार द्वारा जांच के आदेश के बाद ओला के सामने नई मुसीबत आ गई है. ओला कम्पनी को सरकार द्वारा PLI यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव हासिल है जो उसे उत्पाद पर विशेष किस्म की बड़ी आर्थिक छूट मिली हुई है.