चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के सबसे ज्यादा प्रभाव गुजरात के समुद्री इलाको में देखा जा सकता है इसलिए तंत्र ने एहतियात के तौर पर, पूर्वी मध्य और इससे सटे पश्चिम मध्य अरब सागर में मछली पकड़ने का संचालन फिलहाल रोक दिया है . साथ ही गुजरात सरकार ने सौराष्ट्र, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों के तटीय क्षेत्रों से लगभग 15 KM लोगों को निकालने का काम पहले ही कर लिया है. सरकार ने लोगों से समुद्री किनारों के पास जाने स मना भी किया है.
चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइनें, सिग्नलिंग सिस्टम बाधित हो सकते हैं, जबकि राज्य में फसलों, वृक्षारोपण और बागों को नुकसान हो सकता है. चक्रवात के कच्छ के जखाऊ में टकराने की आशंका है, जहां मछुआरे और नमक व्यापारी वित्तीय नुकसान से जूझ रहे हैं. हालांकि, पाकिस्तान और आसपास के पश्चिमी क्षेत्रों में सक्रिय शुष्क हवाओं के कारण चक्रवात तुरंत कमजोर हो जाएगा.
इस चक्रवात का किस राज्य में क्या प्रभाव पड़ना है. राजस्थान मौसम विभाग के अनुसार 15 जून को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के प्रभाव से राजस्थान के जोधपुर और उदयपुर संभाग में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.
वहीं, मध्य प्रदेश के धार, बालाघाट और रतलाम जिलों में कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है. गोवा भारतीय तट की ओर चक्रवाती गति का प्रभाव गोवा में पहले से ही दिखाई दे रहा है, क्योंकि समुद्र में ऊंची लहरें देखी गईं. फिलहाल, पर्यटकों के समुद्र तटों पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
दिल्ली विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात बिपारजॉय से दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा असर की उम्मीद नहीं है. हालांकि आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश संभव है. इस चक्रवात को लेकर केंद्र और राज्य सरकार इससे निपटने की तैयारी में जुट गई है.
गुजरात में एनडीआरएफ की 17 और SDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं. आर्मी भी अलर्ट पर है. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. ऐसे में हम आपको बता रहें कि अगर आप भी चक्रवात प्रभावित जगह पर हैं, तो क्या करें, क्या न करें..