दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने क्रिकेटर शिखर धवन और उनकी आस्ट्रेलियन पत्नि के बीच तलाक के मामले में सुनवाई करते हुए तलाक की मंजूरी दी है. कोर्ट ने माना कि शिखर धवन पत्नी ने धवन को अपने इकलौते बेटे से वर्षों तक अलग रहने के लिए मजबूर करके मानसिक पीड़ा दी.
फैमिली कोर्ट के जज हरीश कुमार ने तलाक याचिका में धवन द्वारा अपनी पत्नी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार किया. फैमिली कोर्ट ने कहा धवन की पत्नी ने या तो उक्त आरोपों का विरोध नहीं किया या खुद का बचाव करने में विफल रही. धवन ने अपनी तलाक याचिका में कहा था उनकी पत्नी ने उन्हें मानसिक क्रूरता का शिकार बनाया था. कोर्ट ने दंपति के बेटे की स्थायी हिरासत पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार किया. कोर्ट ने धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया में उचित अवधि के लिए अपने बेटे से मिलने और उसके साथ वीडियो कॉल पर बातचीत करने का अधिकार दिया है.
कोर्ट ने धवन की पत्नी आयशा को शैक्षणिक कैलेंडर के दौरान स्कूल की छुट्टियों की कम से कम आधी अवधि के लिए बच्चे को धवन और उसके परिवार के सदस्यों के साथ रात भर रहने सहित मुलाकात के उद्देश्य से भारत लाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शिखर धवन एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर है और देश का गौरव रहे है.