कर्नाटक के गन्ना और कृषि उत्पाद मंत्री शिवानंद पाटिल ने किसानों की आत्महत्या के बारे में बेहद भद्दा बयान दिया है. उनके मुताबिक मुआवजे की रकम के लिए किसान आत्महत्या करते हैं. कांग्रेस को यह बयान भारी पड़ रहा है. इस बयान को लेकर किसान संगठनों के साथ-साथ विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आखिर कोई मंत्री इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है, वह भी तब जबकि उनकी ही सरकार ने 62 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया हो. मंत्री शिवानंद पाटिल के मुताबिक किसानों के आत्महत्या के मामलों में मुआवजे की राशि दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने से किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं.
![कर्नाटक में किसान द्वारा किए जा रहे आत्महत्या को लेकर कोंग्रेस सरकार के मंत्री ने दिया बेहद ही शर्मनाक बयान 1 untitled design 41 1693997819](https://nayenews.com/wp-content/uploads/2023/09/untitled-design-41_1693997819.jpg)
कर्नाटक के कपड़ा, गन्ना और कृषि उत्पाद मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि, अब गरीब आदमी को लीजिए, उसे लगता है कि थोड़ा रिलीफ इसी तरह मिल जाए, यह एक नेचुरल फीलिंग है, इसीलिए ऐसा कर लेते हैं. मैं आपसे ये विनती कर रहा हूं कि आप आंकड़े देखें 2015 से पहले जब मुआवजा राशि कम थी तब ऐसे मामले कम आते थे, लेकिन 2015 के बाद जब से मुआवजा राशि को बढ़ाकर पांच लाख किया गया, तब से किसान आत्महत्या के ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं.
![कर्नाटक में किसान द्वारा किए जा रहे आत्महत्या को लेकर कोंग्रेस सरकार के मंत्री ने दिया बेहद ही शर्मनाक बयान 2](https://nayenews.com/wp-content/uploads/2023/09/d3hqvhg_image_640x480_06_September_23.jpg)
शिवानंद पाटिल के बयान से किसानों की आत्महत्याओं का सरकार का डेटा अलग है. पिछले पांच सालों में जहां 4257 किसानों ने आत्महत्याएं कीं वहीं 2022 में किसानों की आत्महत्या के 310 मामले सामने आए हैं. इस साल अब तक 96 किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. साल 2015 से पहले मुआवजे के तौर पर दो लाख रुपये मृत किसान परिवार को मिलते थे, लेकिन सिद्धारमैया सरकार ने 2015 में यह राशि बढ़ाकर पांच लाख कर दी और आश्रित को 800 रुपये हर महीने पेंशन देती है.
![कर्नाटक में किसान द्वारा किए जा रहे आत्महत्या को लेकर कोंग्रेस सरकार के मंत्री ने दिया बेहद ही शर्मनाक बयान 3 772478 5a13b93d09332a116f412d4eab2d9a06](https://nayenews.com/wp-content/uploads/2023/09/772478-5a13b93d09332a116f412d4eab2d9a06.jpg)
मंत्री शिवानंद पाटिल के बेतुके बयान से किसान खासे नाराज हैं. कर्नाटक किसान संघ के उपाध्यक्ष विट्ठल बी गनाचारी ने कहा है कि, इक्के-दुक्के ऐसे मामलों को जरनलाइज करना ठीक नही है. मंत्री के इस बयान से हम आहत हैं. यह बयान अपमानजनक है. किसान सूखे से परेशान हैं. विपक्षी पार्टी बीजेपी भी मंत्री के बयान पर सवाल उठा रही है. बीजेपी विधायक डॉ अश्वतनारायण ने कहा कि, अगर हम 50 लाख मुआवजा दें तो क्या मंत्री आत्महत्या करेंगे? कांग्रेस सरकार को किसानों से सहानुभूति रखनी चाहिए. जिस सरकार ने खुद ही राज्य के अलग-अलग इलाकों को सूखाग्रस्त घोषित किया हो और कावेरी बेसिन के क्षेत्रों में पानी की कमी की वजह से खेती पर रोक लगाई हो, उसी सरकार का मंत्री किसानों की आत्महत्याओं को लेकर बेतुकी बयानबाजी करे तो ऐसे में सरकार के लिए खुद का बचाव करना मुश्किल हो गया है. किसानों की आत्महत्या से जुड़ा मामला संवेदनशील है, लेकिन मंत्री का बयान संवेदनहीन.