प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख से अवगत कराने के लिए विश्व की राजधानियों की यात्रा पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मंगलवार शाम मुलाकात की. सभी सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए. डेलीगेशन के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिनर कार्यक्रम भी है. यहां चल रही बैठक में असदुद्दीन ओवैसी मौजूद नहीं हैं.

केंद्र सरकार पहले ही 50 से अधिक व्यक्तियों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों के काम की प्रशंसा कर चुकी है, जिनमें अधिकतर वर्तमान सांसद हैं. पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे, जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया.

चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया, जिनमें बीजेपी के दो, जदयू के एक और शिवसेना के एक सांसद शामिल थे, जबकि तीन का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया जिनमें कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी (एसपी) के एक-एक सांसद शामिल थे.

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जदयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोई और एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जिनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता विदेशों में भारत के हितों की पैरवी करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ थे. प्रतिनिधिमंडलों में प्रमुख पूर्व सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद शामिल थे.
