बीजेपी बिहार में 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. नीतीश कुमार की जेडीयू 16 सीटों और चिराग पासवान की एलजेपी 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी के पाले में 1-1 सीट आई है. बिहार में बीजेपी की भूमिका लंबे समय से नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी की रही है. बिहार एनडीए में बीजेपी अब लीडिंग पोजिशन में है और सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. एलजेपी के चिराग पासवान गुट के साथ जारी गतिरोध खत्म होते ही सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर भी मुहर लग गई.
बिहार में LJP 5 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
बिहार में बीजेपी और चिराग पासवान के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है. बीजेपी ने साफ तौर पर चिराग पासवान को 6 सीटों की पेशकश की थी. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गुट INDIA ने एलजेपी को 8 सीटों की पेशकश की थी. इनमें 6 सीटें उसने 2019 में जीती थीं. चिराग पासवान ने हालही में दावा किया था कि हर पार्टी उनके साथ गठबंधन चाहती है और उनको अपनी तरफ करना चाहती है. उन्होंने पांच सीटों पर समझौता कर लिया. बैठक के बाद उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनके चाचा पशुपति पारस को उनके कोटे से कोई सीट नहीं दी जाएगी.
बिहार में सीट शेयरिंग पर मुहर लगना बीजेपी के लिए फायदे का सौदा है. बीजेपी पहले नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने से अलग-थलग पड़ गई थी. अब एनडीए में उनकी वापसी से एक बार फिर से चमक उठी है. हालांकि पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि वह किसी के पीछे नहीं है. एक अतिरिक्त सीट ने उसे गठबंधन में अल्फा बना दिया है.
2019 में BJP-JDU के बीच था 50:50 का फॉर्मूला
2019 में भी बीजेपी और जेडीयू के बीच 50:50 के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी. दोनों ने ही बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटें और लोक जनशक्ति पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था. उस समय एलजेपी का नेतृत्व चिराग पासवान के पिता राम विलास पासवान ने किया था. एनडीए गठबंधन ने 40 में से 39 सीटें जीती थीं, इनमें से सिर्फ एक सीट विपक्ष के खाते में गई थी.