सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन अब तक न उसका अध्यक्ष तय हुआ है, न ही सदस्य चुने गए हैं. यही नहीं, नियम और प्रक्रिया भी फाइनल नहीं हुई है. इस वजह से जनवरी 2026 तक आयोग की रिपोर्ट लागू होना मुश्किल लग रहा है. जिससे सैलरी में बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कब होगी बढ़ोतरी?
अगर 7वें वेतन आयोग को देखें तो उसकी घोषणा से लेकर रिपोर्ट लागू होने में करीब तीन साल लगे थे. उसी हिसाब से अगर 8वां आयोग भी उसी रफ्तार से आगे बढ़ा, तो कर्मचारियों और पेंशनधारकों की सैलरी में बदलाव 2028 तक जाकर ही दिखाई देगा. हालांकि राहत की बात यह है कि लागू भले देर से हो, लेकिन ये प्रभावी 1 जनवरी 2026 से ही माना जाएगा.

कर्मचारियों और पेंशनधारकों की बढ़ी टेंशन
इस देरी से देशभर के करीब 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनधारक चिंता में हैं. कर्मचारी संगठन सरकार से लगातार इसकी मांग रहे हैं. वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि राज्यों, मंत्रालयों और कर्मचारी संगठनों से राय ली जा रही है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी.

पिछले वेतन आयोगों की टाइमलाइन देखें तो प्रोसेस लंबा ही रहा है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था और रिपोर्ट आने में करीब डेढ़ साल लग गया.उसके बाद जून 2016 में इसे कैबिनेट से मंजूरी मिली और तब जाकर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ पाई. यही वजह है कि इस बार भी कर्मचारी संगठनों को डर है कि 8वें आयोग की प्रक्रिया खिंच सकती है.अगर यही पैटर्न दोहराया गया, तो रिपोर्ट आने और लागू होने में कई साल लग सकते हैं.
