महाराष्ट्र की शिंदे सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद आखिरकार अब मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए NCP नेता अजित पवार को वित्त और नियोजन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है. इसके साथ ही छगन भुजबल को रसद और ग्राहक संरक्षण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रियों के विभागों के बंटवारों को लेकर हो रही देरी पर विपक्षी पार्टियां लगातार कई सवाल उठा रही थीं. हालांकि तमाम विवादों को किनारे करते हुए अब मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए गए हैं.
शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 9 NCP विधायकों को आखिरकार उनके विभाग मिल ही गए. नए मंत्रियों में धर्मरावबाबा अत्राम को औषधि और प्रशासन, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता, धनंजय मुंडे को कृषि और हसन मुश्रीफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग की कार्यभार सौंपा गया है.
इसके साथ ही शिंदे सरकार में शामिल अनिल पाटिल को आपदा राहत और पुनर्वास मंत्री पद दिया गया है, वहीं पर अदिती तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्री और संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण और बंदरगाह मंत्री बनाया गया है.
शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP के विभाजन और उसके बाद 9 विधायकों को शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद विभागों का यह बंटवारा किया गया है. NCP विधायकों को मंत्री बनाए जाने के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी गठबंधन के पुराने सदस्यों के बीच असंतोष की खबरें भी सामने आ रही थीं. पार्टी के कुछ गुटों द्वारा उठाई गई आपत्तियों की अटकलों के बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने गुरुवार को कहा, “कैबिनेट विस्तार और विभागों का आवंटन होना ही था, यह केवल समय की बात थी.”
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने भी सीएम शिंदे के मंत्रीमंडल में मंत्री पद के लिए दावेदार विधायकों की संख्या और उपलब्ध पदों में असंतुलन को देखते हुए कैबिनेट विस्तार के सुचारू रूप से आगे बढ़ने पर संदेह जताया था.
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा था, “बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है. तीनों पार्टियों के विधायकों की उम्मीदों पर खरा उतरना बहुत मुश्किल है.”दानवे ने कैबिनेट विस्तार में शिवसेना के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की संभावित उपेक्षा पर भी सवाल उठाया था.