World Cup 2023 से बाहर हुए भारतीय लेफ्टी स्पिनर अक्षर पटेल किस मनोदशा से गुजर रहे होंगे, यह सहज ही समझा जा सकता है. किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है देश के लिए वर्ल्ड कप खेलना और फिर विजयी टीम का हिस्सा बनना. इन्हीं पलों के लिए कोई भी खिलाड़ी जीवन भर मेहनत करता है, लेकिन जब यह सपना टूटता है, तो इसके प्रतिफल भी अलग-अलग देखन को मिलते हैं. कई केसों में ऐसा भी होता है कि खिलाड़ी टूट जाता है, बिखर कर रह जाता है क्योंकि फिर यह मौका उसके जीवन में नहीं ही आता.
World Cup 2023 करीब डेढ़ साल बाद वनडे टीम में लौटे रविचंद्रन अश्विन की किस्मत में लिखा था. बहरहाल, आपको उन पांच घटनाओं या भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिनका किसी न किसी वजह से आखिरी पलों में World Cup में खेलने का सपना टूटा गया. और ये एक बार टीम से बाहर हुए, तो इनमें से ज्यादातर को फिर कभी World Cup टीम में आने का दोबारा मौका नहीं मिला.
प्रवीण कुमार
टीम इंडिया के स्विंग पेस बॉलर प्रवीण कुमार को साल 2011 में धोनी की कप्तानी में घर में हुए World Cup जीतने वाली मूल टीम में चुना गया था. प्रवीण से गलती यह हुई कि उन्होंने अपनी चोट छिपाई और इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी. मेगा टूर्नामेंट से पहले मेडिकल टीम के परीक्षण में उनकी चोट उजागर हो गई. और उन्हें आखिरी पलों में टीम से बाहर होना पड़ा. इस टीम ने खिताब जीता, लेकिन इस घटना ने प्रवीण को बुरी तरह से तोड़कर रख दिया. वह इतने ज्यादा अवसाद में चले गए थे कि उन्हें मनोचिकित्सक की सेवाएं लेनी पड़ीं.
अंबाती रायुडु
साल 2019 विश्व कप से पहले कुछ साल तक टीम इंडिया ने नंबर चार बल्लेबाज के रूप में इस हैदराबादी बल्लेबाज में निवेश किया. सभी अंबाती रायुडु का चयन औपचारिकता भर मानकर चल रहे थे, लेकिन आखिरी पलों में टीम में अचानक से तमिलनाडु के विजय शंकर की एंट्री हो गई. यह फैसला और रायुडु विवाद भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े विवादों में से एक बनकर रह गया. बहरहाल, रायुडु का World Cup में खेलना का सपना छन्न से चूर हो गया
जसप्रीत बुमराह
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 वर्ल्ड कप में पेसर जसप्रीत बुमराह भारतीय पेस अटैक का मुख्य स्तंभ थे, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से एक महीने पहले ही कमर में फ्रैक्चर के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा. हालांकि, बुमराह 2021 में खेले गए टी20 विश्व कप का हिस्सा थे. 2019 में बुमराह फिफ्टी-फिफ्टी वर्ल्ड कप की भारतीय टीम में भी थे, लेकिन किसी विश्व कप से बाहर होने का दर्द क्या होता है, वह अच्छी तरह समझते हैं. अच्छी बात यह है कि अब वह अपना दूसरा फिफ्टी-फिफ्टी वर्ल्ड कप खेलने के लिए तैयार हैं.
वीवीएस लक्ष्मण
अगर यह कहें कि वर्ल्ड कप न खेलने के मामले में अगर कोई खिलाड़ी सबसे दुर्भाग्यशाली है, तो वह वीवीएस लक्ष्मण हैं. उनकी कहानी साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए वर्ल्ड कप से जुड़ी है. इसमें भारत उपविजेता रहा था. इससे पहले टीम इंडिया न्यूजीलैंड के दौरे पर थी. और जब वर्ल्ड कप टीम का ऐलान हुआ, तो वीवीएस लक्ष्मण की छुट्टी हो गई. फैंस के साथ हर कोई हैरान था. बाद में ऐसी खबरें भी आईं कि प्रायोजकों के दबाव के कारण ऐसा हुआ. लक्ष्मण की जगह पंजाब के दिनेश मोंगिया ने ले ली. और लक्ष्मण का World Cup खेलने का सपना सिर्फ सपना ही बनकर रह गया.
अक्षर पटेल
अब अक्षर पटेल को World Cup टीम से बाहर होने का दर्द वहन करना होगा. और वास्तव में यह बिल्कुल भी आसान होने नहीं जा रहा. सोचिए कि एक तरफ पूरी टीम खेल रही होगी, तो वह टीवी पर मैच देख रहे होंगे. अब जब टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है, तो उससे करीब एक महीना भर पहले अक्षर की जांघ में चोट लग गई. BCCI ने आखिरी पलों (World Cup के लिए टीम में नाम बदलने की आखिरी समय सीमा) तक का इंतजार किया, लेकिन अक्षर फिट नहीं हुए, तो उनकी जगह अश्विन ने ले ली. अब अक्षर का आगे World Cup में खेलना का सपना पूरा होगा या नहीं, यह समय ही तय करेगा.