प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक आदेश इंटरनेट पर वायरल हो रहा है जिसमें रेप केस के आरोपी की जमानत के मामले में कोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग को आदेश कि रेप पीड़िता है उसकी कुंडली देखने के आदेश । 3 हफ्ते में ज्योतिष विभाग कुंडली देखकर रिपोर्ट देगा, रेप पीड़िता की कुंडली सीलबंद लिफाफे में मांगी गई।
दरअसल इलाहाबाद विवि के एक प्रोफेसर पर रेप का आरोप है, कोर्ट में आरोपी ने कहा, रेप पीड़िता मांगलिक है इसलिए शादी नहीं करुंगा । कोर्ट ने कहा रेप पीड़िता मांगलिक है या नहीं जांच होगी , लखनऊ विवि का ज्योतिष विभाग कुंडली दोष देखेगा. जस्टिस बृजराज सिंह की कोर्ट से निकला आदेश।
हलांकि सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रोक लगाई 10 जुलाई को होगी सुनवाई. सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने कहा कृपया आदेश पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा ज्योतिष भी एक विज्ञान है यहा सवाल यह नहीं है कि मांगलिक होने का विषय तय किया जा सकता है या नहीं, यहा सवाल यह है कि क्या कोर्ट ऐसा आदेश दे सकता है?
वही शिकायतकर्ता के वकील ने कहा यह पार्टियों की सहमति के बाद हाई कोर्ट ने इसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के तहत य़ह निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस आदेश के जरिए निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया। कोर्ट ने कहा कि इसमें बहुत सारे मुद्दे हैं।