बिहार में भाजपा का भीष्म पितामह और बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है. वह कई दिनों से बीमार थे. उन्हें सुशील मोदी भाजपा के संकटमोचक भी थे. जब-जब भाजपा परेशानी में होती थी, सुशील मोदी आगे आकर रास्ता बनाते थे. लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक को बड़ी ही शालीनता से घेरते थे. हालांकि, नीतीश कुमार से उनकी दोस्ती की भी खूब चर्चा होती थी.
इसी साल सुशील मोदी का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल समाप्त हुआ था. दोबारा राज्यसभा के लिए भाजपा की तरफ से उम्मीदवार न बनाए जाने पर सुशील मोदी ने कहा था, “बिहार में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने पर डॉ भीम सिंह और डॉ धर्मशिला गुप्ता को हार्दिक बधाई. देश में ऐसे कुछ ही पार्टी कार्यकर्ता होंगे जिन्हें पिछले 33 वर्षों में चारों सदनों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला हो. मैं हमेशा पार्टी का आभारी रहूंगा और पहले की तरह इसके लिए काम करता रहूंगा.” इससे पता चलता है कि सुशील मोदी का भाजपा से जुड़ाव किसी पद के लिए नहीं था.
सुशील मोदी की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार ने दोबारा जब भाजपा का साथ छोड़ा था तो अक्सर कहते थे कि सुशील मोदी को डिप्टी सीएम भाजपा बनाई होती तो छोड़कर जाने की नौबत नहीं होती. नीतीश और सुशील मोदी की जोड़ी बिहार में काफी समय तक सरकार में रही और लालू यादव को सत्ता से दूर रखा.
सुशील मोदी के निधन से सभी ने शोक प्रगट किया है प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, लालू यादव सहित लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित किया है.