सुहागिन महिलाओं के लिए, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति का सबसे प्रमुख त्योहार है करवा चौथ . हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिनें 16 श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं.
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को रखा जाएगा. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.36 बजे से लेकर शाम 6.54 बजे तक रहेगा. यानी करवा चौथ पूजन के लिए आपको सिर्फ 1 घंटा 18 मिनट का ही समय मिलने वाला है. इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 15 मिनट बताया जा रहा है.
करवा चौथ व्रत विधि
करवा चौथ के दिन स्नान आदि के बाद करवा चौथ व्रत और चौथ माता की पूजा का संकल्प लेते हैं. फिर अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखा जाता है. पूजा के लिए 16 श्रृंगार करते हैं. फिर पूजा के मुहूर्त में चौथ माता या मां गौरी और गणेश जी की विधि विधान से पूजा करते हैं. पूजा के समय उनको गंगाजल, नैवेद्य, धूप-दीप, अक्षत्, रोली, फूल, पंचामृत आदि अर्पित करते हैं. दोनों को श्रद्धापूर्वक फल और हलवा-पूरी का भोग लगाते हैं. इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर अर्घ्य देते हैं और उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करते हैं.