हमारा शरीर तबीयत खराब होने की शुरूआत में ही कई तरह के संकेत देने लगता है लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते. आमतौर पर कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि व्यक्ति तबीयत जरूरत से ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर के पास पहुंचता है तो उसे बताया जाता है कि पहले आ जाते तो शायद बीमारी को काबू में लाया जा सकता था. ऐसे में पहला ख्याल यही आता है कि बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत अंदर ही अंदर इतनी बढ़ कैसे गई. ऐसी कई बीमारियां और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं जिनके संकेत पैरों पर नजर आते हैं बस इन्हें समय रहते पहचानने की जरूरत होती है. डॉक्टर से ही जानिए इन संकेतों के बारे में.
पैरों पक नजर आने वाले बीमारियों के संकेत
पैरों में सूजन
अगर पैर सूज गए हैं और फूले हुए नजर आते हैं तो इसके पीछे हाइपरटेंशन, किडनी की समस्या, लीवर की बीमारी या दिल से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है. इसीलिए किसी चिकित्सक या हेल्थकेयर से जुड़े व्यक्ति से बीमारी का पता लगवाने के लिए टेस्ट वगैरह करवा लेने चाहिए.
स्पाइडर वींस
पैरों पर नजर आने वाले मकड़ी के जाल जैसे निशानों को स्पाइडर वींस कहते हैं. इसमें पैरों पर लंबी और गहरी नसें नजर आने लगती हैं. स्पाइडर वींस की वजह हाई एस्ट्रोजन लेवल्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स या गर्भावस्था भी हो सकती है. अगर आपको पैरों पर ऐसे निशान दिखते हैं तो डॉक्टर से सलाह-मशवरा कर लें.
एड़ियों का फटना
पैरों और एड़ियों का फटना विटामिन बी2 यानी रिबोफ्लेविन और विटामिन बी3 यानी नियासिनेमाइड की वजह से हो सकता है. इसकी वजह ओमेगा-3 की कमी भी हो सकती है. ऐसे में अपने खानपान में इन विटामिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की पर्याप्त मात्रा शामिल करें.
पैरों का सुन्न पड़ जाना
अचानक ही आयदिन पैरों में झनझनाहट होना या फिर पैरों का सुन्न पड़ जाना विटामिन बी12 की कमी की तरफ इशारा करता है. इस कमी को पूरा करने के लिए खानपान में बदलाव किए जा सकते हैं या फिर विटामिन बी12 के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं.
पैरों का ठंडा पड़ना
आयोडीन की कमी या फिर अनीमिया के कारण ऐसा हो सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि आप पर्याप्त मात्रा में आयोडीन ले रहे हैं और साथ ही अनीमिया से निपट रहे हैं.
मसल क्रैंप्स या स्पाज्म
पैरों की मसल्स में अचानक से खिंचाव होना, दर्द होना या फिर अकड़न महसूस होना मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है. इस कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में मैग्नीशियम से भरपूर चीजों को शामिल करें जिससे क्रैंप्स कम हो सकें.