बरसाती मौसम जहां देश के किसान के लिए महत्वपूर्ण होता है तो किसी के लिए काल समान भी होता है . इस मौसम में बिजली गिरने की घटनाओं लगातार होती रहती है और बिजली गिरने से होने वाली मौतें साल दर साल बढ़ती ही जा रही हैं. हालांकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं में आठ हजार 60 लोगों की मौतें हुईं. इनमें सबसे अधिक दो हजार 887 मौतें बिजली गिरने की घटनाओं में हुईं.ये मौतें प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों का 35.8 फीसदी हैं.बिजली गिरने से सबसे अधिक 496 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं.इस सूची में दूसरा नाम बिहार का है,जहां 329 मौतें दर्ज की गईं.वहीं महाराष्ट्र में 239 मौतें दर्ज की गईं.
![क्या आप जानते हैं क्यों गिरती है बिजली ? बिजली गिरने से भारत में होती हैं कितनी मौतें ? 1 2323232](https://nayenews.com/wp-content/uploads/2024/06/2323232-1024x533.jpg)
रिपोर्ट बताती है कि प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों में बिजली गिरने से होने वाली मौतों की संख्या सबसे अधिक है.आंकड़ों में देखें तो प्राकृतिक आपदा से तमिलनाडु में हुईं 93 मौतों में से 89 मौतें बिजली गिरने से हुई थीं.वहीं छत्तीसगढ़ में 248 में से 210 मौतें,पश्चिम बंगाल की 195 में से 161 और कर्नाटक की 140 में से 96 मौतें बिजली गिरने की घटनाओं में हुईं.
बिजली गिरने की वजह?
मौसम वैज्ञानिकों और भौतिकविदों के मुताबिक बिजली गिरने की घटनाएं दो तरह की होती हैं. पहली बादल और जमीन क बीच और दूसरी बादलों के बीच.इस दौरान हाई वोल्टेज बिजली का प्रवाह होता है.इसके साथ एक तेज चमक या अक्सर गरज-कड़क के साथ बिजली गिरती है.
बेंजामिन फ्रेंकलिन ने 1872 में बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी. उन्होंने बताया था कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं,जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है तो कुछ पर निगेटिव. आसमान में जब दोनों तरह की चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है. कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है. इस घटना को ही बिजली गिरना कहा जाता है.
बिजली गिरने से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण क्या है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक में भारत में बिजली गिरने से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण समय है.वैज्ञानिकों के मुताबिक बिजली गिरने की सबसे अधिक घटनाएं उत्तर-पूर्व भारत में होती हैं. लेकिन बिजली गिरने से होने वाली सबसे अधिक मौतें मध्य भारत में दर्ज की जाती हैं.उनका मानना है कि ऐसा बिजली गिरने के समय की वजह से होता है. उत्तर-पूर्व में बिजली गिरने की अधिकांश घटनाएं सुबह के समय होती हैं, जबकि मध्य में ये घटनाएं दोपहर या उसके बाद के समय में होती हैं.दोपहर के समय में बहुत से लोग अपने खेतों में काम कर रहे होते हैं, ऐसे में उनके आकाशीय बिजली की चपेट में आने की आशंका अधिक रहती है.
बिजली गिरने से होने वाली मौतें को कैसे कम की जा सकती हैं ?
बिजली गिरने से होने वाली मौतों को कम करने कि दिशा में भारतीय मौसम विभाग और पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉली (IITM) मिलकर काम कर रहे हैं. इसी दिशा में DAMINI ऐप का निर्माण किया गया है. यह आपको बिजली गिरने से पहले ही अलर्ट भेजता है.इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. यह आपके मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर अलर्ट भेजता है. लेकिन विशेषज्ञ इससे बहुत संतुष्ट नहीं हैं.उनका मानना है कि ये अलर्ट सही समय पर जारी नहीं किए जाते हैं.विशेषज्ञ अधिक से अधिक लाइटनिंग रॉड लगाने और जन जागरूकता फैलाने पर जोर देते हैं.