महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानि MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. यह बैठक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में हुई. शिंदे ने एक ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने नासिक जिले में कृषि ऋण, मुंबई में बीडीडी चॉल के पुनर्विकास में स्थानीय निवासियों के मुद्दों और राज्य एजेंसी सिडको द्वारा मकान की कीमतों में कमी पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों का जल्द से जल्द संतोषजनक समाधान निकाला जाएगा.
यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब ऐसी अटकलें हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के मद्देनजर मनसे और राज के चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना हाथ मिला सकती हैं. शिवसेना (यूबीटी) और मनसे दोनों ने ऐसे किसी भी कदम से इनकार किया है.
NCP में फूट को बताया था सियासी ड्रामा
इससे पहले राज ठाकरे ने एनसीपी में फूट को सियासी ड्रामा करार दिया था. अजित पवार सहित दिग्गज एनसीपी नेताओं के एनडीए सरकार के समर्थन देने पर राज ठाकरे ने शरद पवार की भूमिका पर संदेह जताया है. उन्होंने साफ कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि इसकी जानकारी शरद पवार को ना हो.
राज ठाकरे ने शरद पवार पर जताया था शक
मनसे चीफ राज ठाकरे ने साफ शब्दों में कहा कि शरद पवार भले बोले कि उन्हें इस घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन दिलीप पाटिल, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल जैसे नेता ऐसे ही पार्टी से कहीं नहीं जाएंगे, जब तक कि उन्हें भेजा नहीं जाए. राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति पर कहा कि दिलीप वलसे पाटिल, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल जो भी दावा कर रहे हैं, वह शरद पवार की जानकारी के बिना नहीं हो सकता था. यह एक राजनीतिक नाटक है.
शिंदे और फडणवीस में भी हुई मुलाकात
वहीं, अपनी पार्टी के विधायकों के बीच फैले असंतोष को देखते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने गुरुवार देर रात डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब सीएम शिंदे ने इस बात से इनकार किया था कि अजित पवार के सरकार में शामिल होने पर उनकी पार्टी के विधायक असहज हैं और यह भी दावा किया था कि वह 2024 तक सीएम बने रहेंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र कैबिनेट में अब 29 मंत्री हो गए हैं और इसमें 14 नए मंत्री और जुड़ सकते हैं. वहीं, देर रात हुई इस मुलाकत का जिक्र करते हुए शरद पवार गुट ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि कैबिनेट में एनसीपी विधायकों को शामिल करने को लेकर शिंदे गुट की शिवेसेना और बीजेपी में सब ठीक नहीं है.