अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोएस में जानवरों के वैज्ञानिक मैट व्हीलर रिसर्च कर रहे थे. उन्होंने गाय के जीन में इंजीनियरिंग करके यह कमाल किया है. ब्राजील में पहली ट्रांसजेनिक गाय इंसुलिन वाला दूध देने योग्य हो गई है. मैट व्हीलर ने बताया कि वास्तव में मां का दूध प्रोटीन से भरा हुआ है. हमने इसका फायदा उठाया और इसी प्रोटीन को इस तरह बना दिया जो दुनिया भर में लोगों के लिए रामबाण साबित हो सकता है. मैट व्हीलर के नेतृत्व में किस तरह गाय के जीन में परिवर्तन किया गया, यह बायोटेक्नोलॉजी जर्नल में अच्छे से प्रकाशित हुआ है. आज के समय में कई ऐसे मरीज है जिन्हें रोजाना इंसुलिन की जरूरत पडती है. यह इंसुलिन मोडिफाइड बैक्टीरिया से बनाया जाता है.
मैट व्हीलर की टीम ने गाय के भ्रूण को निकालकर उसके जीन में इंसुलिन वाला प्रोटीन इंसानी डीएनए के सेगमेंट को सेट कर दिया. इस डीएनए में इंसानी डीएनए का कोड मौजूद रहता है. इस जीन में इंजीनियरिंग करने के बाद इस भ्रूण को सामान्य गाय के गर्भाशय में पहुंचा दिया गया. इससे एक बछिया का जन्म हुआ. इसके बाद यह गाय जब दूध देने लगी, दूध का परीक्षण किया गया, तो उसमें वही प्रोटीन मौजूद था जो मानव इंसुलिन में होता है यानी ठीक यह इंसुलिन ही है. एक रिसर्च में यह पाया गया है कि दूध का प्रोइंसुलिन इंसान के शरीर में जाकर इंसुलिन बनता है
गाय का दूध हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है. लेकिन अब यह एक और बीमारी का इलाज करने में कारगर होगा. बता दें कि वैज्ञानिकों ने गाय के जीन में चेंजेज कर एक ऐसी गाय बनाई है, जिसके दूध में इंसुलिन लबालब भरा रहेगा. जिन मरीजों को डायबिटीज में इंसुलिन की कमी रहती है, जिसकी वजह से खून में शुगर एब्सॉर्ब नहीं हो पाता है. यही बढ़ी हुई शुगर किडनी, लिवर, आंख, हार्ट जैसे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है. दुनियाभर में डायबिटीज के 50 करोड़ मरीज हैं. अकेले भारत में ही 10 करोड़ मरीज शुगर के हैं. टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को रोजाना इंसुलिन लेना पड़ता है.