अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता भाग नहीं लेने का फैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने कार्यक्रम में जाने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का कारण के रुप में कांग्रेस की ओर से बकायदा बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि राम मंदिर के कार्यक्रम को बीजपी और आरएसएस का इवेंट बताया है और साथ ही बीजेपी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बहाने चुनावी लाभ उठाने का भी आरोप लगाया है.
अब सवाल है कि कोंग्रेस के द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण को ठुकराना क्या कोंग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो सकती है ? या फिर कोंग्रेस जैसी पार्टी के लिए ये मजबूरी हो गई है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक को निराश नहीं करना चाहता है. जहां पुरा देश राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस के नेता अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए करा रहे हैं.
वहीं गुजरात कोंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कोंग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी आलाकमान के फैसले पर सवाल करते हुए पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि- ‘यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है. @INCIndia को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था’.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का कांग्रेस ने भले ही बहिष्कार कर दिया हो लेकिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता 15 जनवरी को अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 22 जनवरी के कार्यक्रम का बहिष्कार है लेकिन 15 जनवरी का यूपी कांग्रेस का कार्यक्रम होगा. 15 जनवरी को यूपी कांग्रेस के नेता अजय राय की अगुवाई में अन्य नेता सुबह उत्तरायण लगते ही 9.15 बजे लखनऊ से अयोध्या जाएंगे. वे वहां सबसे पहले सरयू में स्नान करेंगे और फिर हनुमान गढ़ी में हनुमान जी और फिर रामलला का दर्शन करेंगे.