सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ही हो जाए आपका कातिल तो दुसरे से क्या उम्मीद कर सकते है. मुंबई जयपुर एक्सप्रेस में सोमवार को दिल दहला देने वाली वारदात हुई. यात्रियों की सुरक्षा में तैनात RPF सिपाही चेतन कुमार ने अपने साथी एएसआई टीकाराम सहित 4 को गोली मार दी. चारों की मौके पर ही मौत हो गई. आरोपी सिपाही चेतन को पकड़ लिया गया है. शुरुआती जांच में आरोपी चेतन को मेंटली डिस्टर्ब बताया जा रहा है. आरपीएफ अधिकारियों कि माने तो वह काफी गुस्सैल स्वभाव का था. चेतन सिंह के साथ मृतकों का कोई विवाद नहीं था. उसने बस अपना आपा खो दिया और अपने वरिष्ठ को गोली मार दी. इसके बाद उसने जिसे भी देखा उसके ऊपर गोली चला दी.
गौरतलब है कि यात्रियों की सुरक्षा में तैनात आरपीएफ सिपाही ने बोगी नंबर B5, पैंट्री और फिर S6 में 12 राउंड फायरिंग कर 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. रेलवे सूत्रों के मुताबिक आरोपी कांस्टेबल चेतन 12 साल से ज़्यादा समय से नोकरी कर रहा था. वो अनुकंपा के आधार पर 2009 में भर्ती हुआ था और इस वक्त लोअर परेल वर्कशॉप में था. वारदात के समय चेतन के साथ तीन और आरपीएफ जवान थे.
मृतकों में से एक आरपीएफ के एएसआई टीकाराम राजस्थान में सवाई माधोपुर के थे और साल 2025 में रिटायर होने वाले थे. चेतन ने टीकाराम के साथ ही रेल के तीन और मुसाफिरों पर गोली चलाई थी. तीनों की ही मौके पर ही मौत हो गई थी. इनमें से एक 50 साल के कादर भानपुरावाला नालसोपरा के रहने वाले थे.और दो महीने बाद अपने बेटों के पास दुबई जाने वाले थे.
वारदात की खबर मिलते ही मुंबई जीआरपी कमिश्नर रवींद्र शिसवे ने खुद बोरीवली जीआरपी में आरोपी चेतन से घंटो पूछताछ की. लेकिन एक सिपाही ने बोगी में खूनी वारदात को अंजाम क्यों दिया ? इस पर जांच अभी बाकी है कहकर बोलने से बचते रहे. शुरुआती जांच में पुलिस आरोपी सिपाही चेतन को मेंटली डिस्टर्ब बता रही है.