अरब सागर में उठा भीषण चक्रवात बिपरजॉय कल गुजरात में कच्छ तट से टकराएगा। इसे लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं, सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर रखी हैं। इसी बीच, मानसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने भी बड़ी जानकारी दी है। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल में शुरूआती देरी के बाद रविवार से देश के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने वाला है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय ने खुद को मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग कर लिया है। जिसके चलते कि चक्रवात ने भूमध्यरेखीय प्रवाह को मजबूत करके मानसून को आगे बढ़ने में मदद की है। यह दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। 18 से 21 जून के बीच दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ और हिस्सों और पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं।
हालांकि शुरुआत में अरब सागर में चक्रवात बिपरजॉय की उपस्थिति ने नमी और संवहन दोनों को खींचकर मानसून की शुरुआत की तीव्रता को कम कर दिया था। इसी के कारण केरल में मानसून ने देर से दस्तक दी। गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने भारत में आठ जून को दस्तक दी थी। सामान्यतया भारत में एक जून को केरल में सबसे पहले मानसून दस्तक दे देता है।
कि रिसर्च में पता चला है कि केरल में मानसून की शुरुआत में देरी का मतलब जरूरी नहीं कि उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की शुरुआत में देरी हो।गौरतलब है कि इससे पहले, आईएमडी ने कहा था कि अल नीनो की स्थिति होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।