टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने विश्व कप के अभियान की शुरुआत करेगी, इस पहले भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने वर्ल्ड कप के दौरान टीम के अभियान के बारे में बात की और साथ ही साथ विश्व कप जितने को लेकर अपने इरादों को जाहिर किया. तेंदुलकर का सपना 2011 में पूरा हुआ था जो उनका छठा और आखिरी विश्व कप था. रोहित ने दो आईसीसी प्रतियोगिताएं जीती हैं – 2007 टी20 विश्व कप और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी लेकिन उनके नाम पर अभी तक वनडे विश्व कप का खिताब दर्ज नहीं है.
रोहित ने सचिन के संदर्भ में कहा, ‘‘आपने उसे महान व्यक्ति को कई बार यहां कहते सुना होगा कि जब तक वह विश्व कप नहीं जीत जाते, उनका काम अधूरा ही रहेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि आपको पता चल गया होगा कि मैं किसके बारे में बात कर रहा हूं.” उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को यहां होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा,‘‘ यही बात हम पर भी लागू होती है. आप विश्व कप जीतना चाहते हैं. यह आपके करियर का सबसे बड़ा पुरस्कार है लेकिन, इसके लिए एक प्रक्रिया है जिसका आपको अनुसरण करना होगा.” लेकिन भारतीय कप्तान इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि किसी चीज को हासिल करने की बेताबी में नुकसान भी हो सकता है.
रोहित ने कहा,‘‘जब आप किसी चीज को हासिल करने के लिए बेताब होते हैं तो फिर कई अन्य चीज भी हो सकती हैं. इसलिए बेताब होना और खिताब जीतने की भूख होना अच्छा है, लेकिन इसके लिए आपको संतुलन बनाने की जरूरत होती है. आपको हर हाल में चीजों से संतुलन बनाना होगा.” रोहित ने इसके साथ ही कहा कि दबाव से निपटना विशेष गुण होता है और प्रत्येक खिलाड़ी अपनी तरह से इसे पार पाता है.उन्होंने कहा,‘‘ मुझे यकीन है कि टूर्नामेंट के कुछ चरणों में कुछ खिलाड़ी दबाव से गुजरेंगे, टीमें दबाव से गुजरेंगी. यहीं पर आपके जज्बे का पता चलता है और हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस तरह की परिस्थितियों से निपटना जानते हैं.”