गोल्ड से मात्र एक कदम दूर विनेश ओलंपिक फाइनल से डिसक्वालीफाई हो चुकी हैं और इसका कारण मात्र उनका अधिक 100 ग्राम वजन है. पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट की ऐतिहासिक पटखनी से हर कोई खुश था और उनसे गोल्ड की आस लगाए बैठा था, लेकिन किसको पता था कि विरोधी पहलवानों को पटखनी देने वाली विनेश को वक्त के आगे झुकना पड़ेगा. ओलंपिक में फाइनल तक का सफर तय करना भारत की इस बेटी के लिए आसान नहीं था, उसे प्री-क्वार्टर में ही 4 बार की विश्व चैंपियन और पिछले ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट का सामना करना था, विनेश के पिता महावीर फोगाट का मानना था कि ये मैच गोल्ड की लड़ाई है. एक चुनौतीपूर्ण मुकाबले में विनेश ने सुसाकी को 3-2 से हराया.
सुसाकी ने अपने करियर के सभी 95 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले जीते थे. लेकिन, विनेश ने सुसाकी को उन्हीं के पैंतरे से मात दी. अब भले ही फोगाट वजन ज्यादा होने के कारण भारत के लिए मेडल नहीं ला पाएंगी लेकिन उन्होंने जो परफॉर्मेंस किया था, उसने हर किसी का दिल जरूर जीत लिया है. लेकिन आखिर में ऐसा क्या नियम है जिसके कारण फोगाट मेडल लाने से चूक गए गई हैं. चलिए जानते हैं.
वजन-माप नियम क्या हैं..
वजन मापने की प्रक्रिया किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के तहत हर अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए इसका पालन किया जाता है. प्रतियोगिता प्रक्रिया के अनुच्छेद 11 में वजन मापने को नियंत्रित करने वाले नियमों की रूपरेखा दी गई है. यदि कोई एथलीट वजन मापने (पहला या दूसरा वजन मापने) में शामिल नहीं होता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है और अंतिम स्थान दे दिया जाता है.
एथलीट के वजन में बदलाव होने के बाद क्या करना होता है
एथलीट के वजन में कोई भी बदलाव टीम लीडर द्वारा वजन-माप से एक दिन पहले दोपहर 12:00 बजे तक आयोजक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए. ये बदलाव केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किए जा सकते हैं, जैसे कि मेडिकल सर्टिफिकेट द्वारा चोट को लेकर की गई पुष्टि . इस समय सीमा के बाद कोई भी बदलाव स्वीकार नहीं किया जाता है.
प्रत्येक सुबह संबंधित वजन श्रेणी के लिए वजन-माप आयोजित किया जाता है. वजन-माप और चिकित्सा नियंत्रण सत्र 30 मिनट तक चलता . इसके बाद अगली केवल रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों को वजन-माप से गुजरना पड़ता है, जो 15 मिनट तक चलता है.
मेडिकल परीक्षण की दरकार
प्रतियोगिता की पहली सुबह पहलवानों को चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होता है. इस परीक्षण के बिना पहलवानों को वजन-मापन में भाग लेने की अनुमति नहीं होती है.