टीम इंडिया के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा मौजूदा समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. 36 वर्षीय ऑलराउंडर ने कई मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को अकेले अपने दम पर जीत दिलाई है. यही वजह है कि देशवासी उन्हें प्यार से ‘सर जडेजा’ भी कहकर पुकारते हैं. मगर जडेजा को ‘सर जडेजा’ बनाया कौन? इसका जवाब उन्होंने खुद दिया है.

हाल ही में रविचंद्रन अश्विन के साथ उनके पॉडकास्ट में हुई एक खास चर्चा के दौरान उन्होंने अपने करियर के बारे में बातचीत करते हुए कुछ दिलचस्प सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा उनके भारतीय टीम तक पहुंचने के सफर में दो बिहारियों का अहम योगदान रहा. यह शख्स कोई और नहीं बल्कि उनके बचपन के कोच महेंद्र सिंह चौहान और टीम के इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं.


स्टार ऑलराउंडर ने कहा उनकी क्रिकेट यात्रा दो महेंद्रों के बीच रही है. ये दोनों शख्स उनके बचपन के कोच महेंद्र सिंह चौहान और मौजूदा समय में उनके मेंटर महेंद्र सिंह धोनी हैं. जडेजा के मुताबिक उन्होंने महज आठ-नौ साल की उम्र में जामनगर स्थित ‘क्रिकेट बंगला’ में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था.

जडेजा ने बताया कि उनके बचपन के कोच महेंद्र सिंह चौहान जो कि बिहार से आते हैं, अभी भी वहीं युवा क्रिकेटरों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाते हैं. धोनी को भी वह यह बात बता चुके हैं. उनके मुताबिक मेरे जीवन में दो महेंद्रों, महेंद्र सिंह चौहान और महेंद्र सिंह धोनी का खास योगदान है.

जडेजा का कहना है कि उनके कोच महेंद्र सिंह चौहान एक पुलिस अधिकारी थे. उनका मानना था कि एक खिलाड़ी के तौर पर आपका फिटनेस हमेशा उच्च लेवल का होना चाहिए. मेरी फिटनेस और फील्डिंग कौशल का श्रेय शुरूआती दिनों में 15 से 20 किलोमीटर के बीच लगाए गए दौड़ को जाता है.
