भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि BCCI ने साल 2023-24 सीजन के लिए अनुबंधित 30 खिलाड़ियों को नामों का ऐलान कर दिया. इसमें इशान किशन और श्रेयस अय्यर को कॉन्ट्रैक्ट न मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है. लगता है इन दोनों खिलाडी को बोर्ड के तरफ से बार-बार घरेलु क्रिकेट खेलने के लिए कहे जाने के बावजूद घरेलु क्रिकेट को इनके के द्वारा इग्नोर करने की सजा बोर्ड के द्वारा अनुबंध से दूर करके दी गई है.
वहीं इन दोनों सितारों से अलग यहां चार और खिलाड़ी हैं, जिन्हें BCCI ने अनुबंध से बाहर कर दिया है. ये चारों भी इशान और अय्यर की तरह पिछले साल के अनुबंध का हिस्सा थे, लेकिन इनमें से एक खिलाड़ी ऐसा है, जिसे बोर्ड के द्वारा अनुबंध न देना काफी हद तक क्रिकेट फैंस चौंका रहा है.
पिछले अनुबंध में चयन समिति ने अजिंक्य रहाणे को जगह नहीं दी थी लेकिन चेतेश्वर पुजारा बी कैटेगिरी का हिस्सा थे. अब जब टीम प्रबंधन ने पुजारा को लेकर साफ कर दिया था कि वह भविष्य की ओर देख रहे हैं, तो साफ था कि चेतेश्वर पुजारा को आगे अनुबंध नहीं दिया गया है.
कुछ ऐसा ही सी कैटेगिरी का हिस्सा रहे पेसर उमेश यादव और शिखर धवन के बारे में भी कहा जा सकता है. उमेश की वापसी की एक हल्की उम्मीद थी, लेकिन युवा पेसरों को आगे बढ़ाने की नीति के बाद यादव के आसार भी बंद हो गए है.
क्या इस खिलाड़ी के साथ गलत हुआ?
कभी ऑलराउंडर दीपक हूडा बहुत ज्याद चर्चा में थे. उन्हें शीर्ष क्रम में खिलाया गया, लेकिन जल्द ही युवाओं के आने से समीकरण बदल गए, तो वह प्लानिंग से बाहर हो गए, लेकिन इनके बीच एक नाम यहां चौंकाने वाला है. सी कैटेगिरी का हिस्सा रहे लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को किसी भी श्रेणी में जगह न मिलना काफी हद तक क्रिकेट पंडितों को हैरान कर करता है.