टीम इंडिया ने विश्व कप के वर्तमान संस्करण में तूफान मचा दिया है. ऐसी क्रिकेट खेली कि तमाम पंडितों ने दांत तले उंगली दबा ली. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 अक्टूबर विजयी अभियान के आगाज से लेकर गत चैंपियन इंग्लैंड को सौ रन से हराने तक मेजबान लगातार छह में से छह मैच जीतकर प्वाइंट्स टेबल पर टॉप पर पहुंच गए हैं, लेकिन इतना होने के बावजूद भी करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी सड़कों पर, घर-घर में, ऑफिसों में चर्चा कर रहे हैं कि आखिर छह जीतों के बावजूद भी अभी तक टीम इंडिया अंतिम चार में क्यों नहीं पहुंची. इसकी एक वजह वैसे यह भी है कि प्रत्येक टीम को ग्रुप स्टेज में एक-दूसरे के खिलाफ खेलना है. वर्तमान में तस्वीर कुछ ऐसी है कि दो प्वाइंट्स के साथ टेबल में सबसे फिसड्डी चल रही इंग्लैंड के अभी भी तीन और मैचों के साथ अंतिम चार के बहुत ही दूरवर्ती चांस हैं. इसे आप फॉर्मेट बनाने वाले पंडितों की दूरदर्शिता या गणितिज्ञ विद्या कह सकते हैं. सेमीफाइनल का गणित क्या है समझ लीजिए ?
सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए क्या है गणित ?
सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए किसी भी टीम को 14 अंक हासिल करने पर “पूरी तरह” अंतिम चार में प्रवेश कर लिया मानी जाएगी. वैसे कोई टीम 12 अंक के साथ भी सेमी का टिकट हासिल कर सकती है, लेकिन इसके लिए थोड़ी मदद की जरुरत पड़ेगी. वर्तमान “तस्वीर” को देखकर कहा जा सकता है कि भार, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के सेमीफाइनल में पहुंचने के सबसे ज्यादा आसार हैं.
अगर भारत बाकी तीनों मैच हार गई तो क्या होगा ?
भारत को फिलहाल यहां से तीन मैच और खेलने हैं. और तीन में से एक जीत उसे सेमीफाइनल का टिकट दिला देगी क्योंकि शीर्ष चार से बाहर रहने वाली कोई भी टीम भारत के प्वाइंट्स की बराबरी नहीं ही कर पाएगी. और अगर भारत यहां से अपने बचे हुए तीन मैच हार भी जाता है, तो भी टीम रोहित सेमीफाइनल में पहुंच सकती है. बस शर्त यह है कि अगर अफगानिस्तान टीम 12 प्वाइंटस के साथ समापन करती है, तो उसका नेट रन-रेट बस भारत से बेहतर न हो.
दक्षिण अफ्रीका अंतिम 4 में पहुंचने से एक कदम दूर !
दक्षिण अफ्रीका के यहां से तीन मैच बाकी बचे हैं और दक्षिण अफ्रीका को अंतिम चार में पहुंचने के लिए दो जीत दर्ज करने की जरुरत है. वैसे एक ही जीत भी उसके लिए यह कम कर सकती है लेकिन…. लेकिन शर्त यह है कि फिलहाल नंबर पांच से आठ के बीच खड़ी टीमें यहां से अपने सभी सारे मैच हार जाएं. अगर दक्षिण अफ्रीका अपने सभी तीनों मैच हार जाता है, तो यह टीम बाहर हो सकती है.
एक जीत और न्यूजीलैंड की जगह पक्की
न्यूजीलैंड को पिछले दो मैचों में लगी हार से झटका लगा है, लेकिन अगर यह टीम अपने बचे तीन में से दो मैच जीत लेती है, तो यह भी सेमीफाइनल में पहुंच सकती है. न्यूजीलैंड को बचे मुकाबले दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ खेलने हैं. अगर कीवी खासकर पाकिस्तान और श्रीलंका से हार जाते हैं, तो उसके लिए चिंता की बात हो जाएगी. लेकिन इन दोनों के खिलाफ मिली एक जीत न्यूजीलैंड को मंजिल तक पहुंचा सकती है.
ऑस्ट्रेलिया का एक जीत से भला नहीं होगा
ऑस्ट्रेलिया की कहानी भी न्यूजीलैंड की तरह है. मतलब उसे भी कम से कम दो मैच जीतने होंगे. लेकिन एक अच्छी बात उसके साथ यह है कि शीर्ष चार टीमों में उसे बाकी टीमों की तुलना में आसान मैच खेलने हैं. कंगारुओं को आगे इंग्लैंड, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भिड़ना है. इंग्लैंड के खिलाफ जीत अंग्रेजों का आधिकारिक तौर पर बोरिया-बिस्तर बांध देगी. अगर कंगारू तीन में से एक ही मैच जीत पाते हैं, तो बात फिर नेट रन-रेट तक पहुंच जाएगी क्योंकि दस अंक से तो भला नहीं ही होगा इनका, लेकिन मजबूत पहलू यही है उसके साथ कि कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसे खेलना है.
बाकी टीमों का हाल है बेहाल
अफगानिस्तान, श्रीलंका, पाकिस्तान और यहां तक की नीदरलैंड्स के अंतिम चार में पहुंचने के आसार भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं. अगर अफगानिस्तान अपने बचे सभी मैच जीतने में सफल रहता है, तो निश्चित तौर पर उसके आसार बने रहेंगे. इससे वह 12 प्वाइंट्स के साथ समानप करेगा. और श्रीलंका, पाकिस्तान और नीदरलैंड्स भी अगर अपने तीनों मैच जीत लेते हैं, तो ये टीमें दस प्वांट्स के साथ टूर्नामेंट खत्म करेंगी.