ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम में हुए ट्रेन हादसों में अबतक 280 लोग मारे गए तो वहीं 1000 के करीब घायल हैं। यह हादसा भारत में आजादी के बाद से हुए घातक ट्रेन हादसों में से एक है।
यह हादसा कितना घातक था इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रेल की पटरी सीधे ट्रेन की फर्श को चीरते हुए अंदर घुस गई। आर्मी और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू कार्य में जुटे हैं। बोगियों में फंसे हुए लोगों की तलाश भी जारी है।
रेलवे के सूत्रों की माने तो हादसे की एकमात्र वजह डिरेलमेंट है. जानकारी के अनुसार वहां पर दो मेन लाइन और दो लूप लाइन थी, मेन लाइन से कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी वह डिरेल हुई उसका एक हिस्सा लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराया और दूसरा हिस्सा दूसरी तरफ आ रही पैसेंजर ट्रेन से टकराया. पीछे का हिस्सा पैसेंजर ट्रेन से टकराया है और आगे का हिस्सा कोरोमंडल एक्सप्रेस का डिटेल होने के बाद गुड्स ट्रेन से टकराया है. इसकी वजह से ये हादसा हुआ. सूत्रों के मुताबिक अभी सिगनल फेल होने की बात नहीं है और न ही हेड ऑन कॉलिजन हुआ है.